महाकुंभ 2025 के श्रध्दालुओं को PM Modi का हाईटेक उपहार

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में पवित्र संगम पर होने वाले महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) को लेकर मोदी-योगी सरकार अब हाईटेक हो चली है। महाकुंभ 2025 में आनेवाले श्रृध्दालुओं को कोई परेशानी ना हो, सभी जानकारियां मिलें, उसके लिए सरकार ने एक डिजिटल सहायक बनाया है।

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में पवित्र संगम पर होने वाले महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) को लेकर मोदी-योगी सरकार अब हाईटेक हो चली है। महाकुंभ 2025 में आनेवाले श्रृध्दालुओं को कोई परेशानी ना हो, सभी जानकारियां मिलें, उसके लिए सरकार ने एक डिजिटल सहायक बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ के लिए इसी ‘सहायक’ चैटबॉट (Sah’AI’yak chatbot) का शुभारंभ करेंगे। यह चैटबॉट महाकुंभ मेला 2025 के बारे में श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और कार्यक्रमों की नवीनतम जानकारी प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे। वे प्रयागराज जाएंगे और दोपहर करीब 12:15 बजे संगम स्‍थल पर पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 12:40 बजे प्रधानमंत्री अक्षय वट वृक्ष स्‍थल पर पूजा करेंगे। प्रधानमंत्री उसके बाद हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में दर्शन और पूजा करेंगे। दोपहर करीब 1:30 बजे वे महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण करेंगे।

प्रधानमंत्री मंदिर के प्रमुख गलियारों का उद्घाटन करेंगे। इनमें भारद्वाज आश्रम गलियारा, श्रृंगवेरपुर धाम गलियारा, अक्षयवट गलियारा, हनुमान मंदिर गलियारा आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की पहुंच आसान होगी और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

पीएम मोदी इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे प्रयागराज में लगभग 5500 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री महाकुंभ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें प्रयागराज में आधारभूत सुविधाओं को बढ़ावा देने और निर्बाध संपर्क प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) या फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़कें जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल होंगी।

स्वच्छ और निर्मल गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री गंगा नदी की ओर जाने वाले छोटे नालों को रोकने, टैप करने, मोड़ने और उपचारित करने की परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इससे नदी में बिना उपचार वाले जल का गंगा नदी में पहुंचना पूरी तरह से रोक पाना सुनिश्चित होगा। वे पेयजल और बिजली से संबंधित विभिन्न इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।