अजंता की गुफाएँ:
महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में स्थित हैं। इसमें कुल 29 गुफाएँ (सभी बौद्ध) हैं, जिनमें से 25 को विहार या आवासीय गुफाओं के रूप में जबकि 4 को चैत्य या प्रार्थना हॉल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इन गुफाओं का विकास 200 ई.पू. से 650 ईस्वी के मध्य हुआ था।
वाकाटक राजाओं जिनमें हरिसेना एक प्रमुख था, के संरक्षण में अजंता की गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उत्कीर्ण की गई थीं।
इन गुफाओं में आकृतियों को फ्रेस्को पेंटिंग का उपयोग करके दर्शाया गया था।
इन गुफाओं के चित्रों में लाल रंग की प्रचुरता है किंतु नीले रंग की अनुपस्थिति है।
इन चित्रों में सामान्यतः बुद्ध और जातक कहानियों को प्रदर्शित किया गया है।
अजंता और एलोरा की इन गुफाओं को वर्ष 1983 में यूनेस्को ने विश्व विरासत (world herritage) स्थल घोषित किया था।