इतिहास के अछूते पन्नो से -“हमने गढ़ तो जीत लिया, लेकिन मेने मेरा सिंह खो दिया

तानाजीराव मालूसरे का जन्म 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के कोंकण प्रान्त में महाड के पास ‘उमरथे’ में हुआ था। वे बचपन से छत्रपति शिवाजी के साथी थे। ताना जी और शिवा जी एक-दूसरे को बहुत अछी तरह से जानते थे। तानाजीराव, शिवाजी के साथ हर लड़ाई में शामिल होते थे। ऐसे ही एक बार शिवाजी…

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ये कथा है देवी दुर्गा के संस्कृति की अनेक दुर्गाओं की, ये कथा है तैमूर लँगड़े की सेना की हमारे वीर वीरांगनाओं के हाथों अप्रत्याशित पराजय की

तैमूर लँगड़े को भारत से बाहर खदेड़ने वाली वीरांगना रामप्यारी गुर्जर की कहानी तैमूर लंग की 120000 की सेना देखते ही देखते ढेर हो गई और उसे जान बचाकर भागना पड़ा      हमारे वामपंथी इतिहासकार हमें बताते आए हैं कि कैसे तैमूर लंग और उसकी क्रूर सेना ने दिल्ली को क्षत विक्षत करते हुए…

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क्या अपने कभी सुना है ????किसी स्त्री का बलात्कार करने के उपरांत आरा मशीन से उसे दो भागों में चीर देने की किसी घटना के बारे में

किसी स्त्री का बलात्कार करने के उपरांत आरा मशीन से उसे दो भागों में चीर देने की किसी घटना के बारे में आपने सुना है ? और दो भाग भी ऐसे कि उसके गुप्तांग से आरी चलाते हुए दोनों वक्ष स्थलों को दो भाग में करते हुए माथे को दो भाग में चीर देना ….

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विक्रम सिंह”विक्रम की बेहतरीन कविता का आनन्द ले “अंत सभी का होता है”

अंत सभी का होता ही है, कंस रावण हिरण्यकश्यप। हरि विरोधी जो भी होगा, उनका होगा रामनाम सत्य।। यही जगत की सच्चाई है, मूर्ख नही समझ पाते। अति की भी सीमा होती है, रहते समय सकझ जाते।। आज भी जो घटित हो रहा, उसका अंत भी होना है। हो केरल बंगाल कही और, सबको एक…

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वीर योद्धा डूंगर सिंह भाटी : “बाजू मेरा और आँखें तेरी”

    राजपुताना वीरो की भूमि है। यहाँ ऐसा कोई गांव नही जिस पर राजपूती खून न बहा हो, जहाँ किसी जुंझार का देवालय न हो, जहा कोई युद्ध न हुआ हो। भारत में मुस्लिम आक्रमणकर्ताओ कोे रोकने के लिए लाखो राजपूत योद्धाओ ने अपना खून बहाया बहुत सी वीर गाथाये इतिहास के पन्नों में…

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आइये जानते है अजंता की गुफाओं के बारे में……..क्या कहती है गुफाएं

अजंता की गुफाएँ: महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में स्थित हैं। इसमें कुल 29 गुफाएँ (सभी बौद्ध) हैं, जिनमें से 25 को विहार या आवासीय गुफाओं के रूप में जबकि 4 को चैत्य या प्रार्थना हॉल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इन गुफाओं का विकास…

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हम खुश होते हैं इंडिया नाम लेकर……कवि विक्रम की बेहतरीन कविता का आंनद उठाये

अंग्रेज गए हमें अंग्रेजी नाम देकर। हम खुश होते है इंडिया नाम लेकर।। हमारे पास हिंदुस्तान नाम तो था ही, जो हमारे भूगोल की याद दिलाता है। हमारे पास तो भारत नाम भी था जो संस्कृति सभ्यता संस्कार दुहराता है।। न जाने क्यों हम इंडिया से चिपके है, भारत पूर्ण रूप से क्यों नही अपनाते।…

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नया भारतीय वर्ष और विदेशी वर्ष:सम्पूर्ण वैज्ञानिक विवेचन कर रहे मौसम वैज्ञानिक डॉ दिलीप कुमार सिंह

    दुनिया में समय और कालगणना के लिए अनेक वर्ष और सम्वत  प्रचलित हैं  इसमें मुख्य रूप से विक्रम संवत शक संवत हिजरी संवत इसाई संवत कलि संवत युधिष्ठिर एवं श्री कृष्ण संवत प्रमुख हैं इस समय विक्रम संवत 2081 शक संवत 1945 ई सन 2024  कलि संवत  5126 और श्री कृष्ण संवत 5250…

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वात्सल्य:”हे विश्व के भ्रमित मर्दो ,औरत दिल से कमजोर नहीं होती ,वो तो बस ‘माँ’ होती है..!

वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत।     बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक बेटा भी था जो अभी नौंवी कक्षा में था । पति रेलवे में थे उनके गुजर जाने के बाद रेलवे ने उन्हें एक छोटी से…

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भारतीय इतिहास का एक  “पन्ना” भुला दिया गया जिसे शायद कोई नहीं जानता कि वह कौन थी

     भारतीय इतिहास का एक  “पन्ना” भुला दिया गया जिसे शायद कोई नहीं जानता कि वह कौन थी ! क्यों की हमारी इतिहास कि किताबे मुगलों और गांधी में इतनी खो गई हैं कि भारतीय इतिहास के ज़रूरी अध्याय ही गायब कर दिए गए हैं। आप सब ने तैमूर लंग के बारे में तो…

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