इन 5 तरीकों से कमाए गए पैसे पर नहीं लगता कोई टैक्स! आप भी कर सकते हैं ये काम

   भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में किसी भी तरह की कमाई पर टैक्स का प्रावधान है. हालांकि, हर देश में कमाई के कुछ साधन ऐसे होते हैं, जिनपर टैक्स या तो नहीं लगता या फिर ना के बराबर होता है. आज हम आपको भारत में ऐसे इनकम के 5 साधन बताएंगे, जिनपर टैक्स नहीं लगता. सबसे बड़ी बात कि ये टैक्स-फ्री आय स्रोत आपके टैक्स बचत की योजना को स्मार्ट बना सकती है

खेती से होने वाली इनकम

कृषि आय भारत में सबसे लोकप्रिय टैक्स-फ्री आय है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(1) के तहत, किसानों को राहत देने के लिए कृषि से प्राप्त आय को पूरी तरह से टैक्स-फ्री रखा गया है. जैसे- फसल, सब्जियां, फल, मसाले आदि के उत्पादन, प्रोसेसिंग और बिक्री से प्राप्त लाभ. इसके अलावा, कृषि भूमि या उससे जुड़े भवन से मिलने वाला किराया. कृषि भूमि बेचने से प्राप्त पैसा. हालांकि, इसमें एक पेंच भी है. कानून के अनुसार, अगर कृषि आय 5,000 रुपये से अधिक हो, तो इसे अन्य आय में जोड़कर टैक्स स्लैब तय किया जाता है.

गिफ्ट में मिला पैसा

गिफ्ट को आमतौर पर टैक्स-फ्री माना जाता है, लेकिन इसमें कुछ नियम हैं. आयकर अधिनियम के अनुसार, रिश्तेदारों से प्राप्त गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स-फ्री होते हैं. गिफ्ट में नकद, संपत्ति, आभूषण या वाहन शामिल हो सकते हैं. रिश्तेदारों में जीवनसाथी, भाई-बहन, माता-पिता और अन्य नजदीकी रिश्तेदार शामिल हैं.

शादी के समय मिलने वाले गिफ्ट भी टैक्स-फ्री होते हैं, चाहे वह किसी से भी मिले हों.

बीमा से मिले पैसे

     जीवन बीमा से मिले पैसे और बोनस भी टैक्स-फ्री हो सकते हैं. आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत इसके नियम इस प्रकार हैं. 1 अप्रैल 2003 से पहले जारी पॉलिसियों पर कोई भी भुगतान टैक्स-फ्री है. 1 अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2012 के बीच जारी पॉलिसियों में टैक्स छूट तभी है, जब प्रीमियम बीमित राशि के 20% से अधिक न हो. 1 अप्रैल 2012 के बाद जारी पॉलिसियों में यह सीमा 10% है. 1 अप्रैल 2023 के बाद, यदि कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक हो, तो वह राशि टैक्सेबल होगी.

ग्रैच्युटी में मिलने वाला पैसा

ग्रैच्युटी एक प्रकार की राशि है जो नौकरी छोड़ने पर कर्मचारियों को दी जाती है. सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी ग्रैच्युटी टैक्स-फ्री है. गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए यह छूट इस पर निर्भर करती है कि संगठन ग्रैच्युटी अधिनियम, 1972 के तहत आता है या नहीं. अधिकतम 20 लाख रुपये (अधिनियम के तहत) और 10 लाख रुपये (यदि अधिनियम के तहत नहीं है) तक की राशि टैक्स-फ्री होती है.

पेंशन से मिलने वाला पैसा

कुछ प्रकार की पेंशन भी टैक्स-फ्री होती हैं. जैसे- संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) से मिलने वाला पेंशन. भारतीय सशस्त्र बल के परिवारों को मिलने वाला पेंशन. परम वीर चक्र, महावीर चक्र जैसे पुरस्कार विजेताओं की पेंशन.