सीरिया की राजधानी पर इजरायल ने किया हमला, दमिश्क में मिले इजरायली मिसाइल के टुकड़े

   इजरायल ने बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद सीरिया पर बड़े पैमाने पर हमले किए। 72 घंटे चले इस अभियान में रडार स्टेशन, मिसाइल भंडार, और वैज्ञानिक केंद्र निशाना बने। सीरिया का 70 फीसदी एयर डिफेंस और 80 फीसदी मिसाइल सिस्टम नष्ट हो गया। राजधानी दमिश्क समेत कई क्षेत्रों में हवाई हमले हुए।

तेल अवीव: सीरिया में बशर अल-असद शासन के तख्तापलट के बाद इजरायल ने बड़े पैमाने पर जमीन कब्जाना शुरू कर दिया है। इस बीच विद्रोही समूहों से जुड़े सीरियाई समाचार आउटलेट ‘वॉयस ऑफ दमिश्क’ ने बताया कि इजरायल ने राजधानी दमिश्क के इलाकों पर भी हमला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को दमिश्क, अस-सुवेदा, अल-कलामून, मस्याफ, लताकिया, और टार्टस के ग्रामीण इलाकों में इजरायल की ओर से एयर स्ट्राइक की गई है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रडार स्टेशन, गोदाम और वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों को निशाना बनाया गया। सीरिया की राजधानी में माउंट कासियुन के पास रिपब्लिकन गार्ड और फोर्थ डिवीजन के गोदामों पर भी हमले किए गए हैं। इराक में ईरानी समर्थक मिलिशिया से जुड़ी सबरीन न्यूज एजेंसी ने बताया कि एक इजरायली मिसाइल के टुकड़े दमिश्क के रुकन अल-दीन क्षेत्र में गिरे थे। इजरायली सेना ने असद के शासन के पतन के बाद व्यापक बमबारी की शुरुआत की। इजरायल ने इसका कारण बताते हुए कहा कि उसे डर है कि रासायनिक हथियार विद्रोहियों के हाथ लग जाएंगे।

सीरिया को कितना हुआ नुकसान?

इजरायल की ओर से 72 घंटे तक अभियान चलाया गया। इसमें इजरायल ने 109 विमान भेदी मिसाइल बैटरियों, 34 रडार साइटों और 390 मिसाइल, रॉकेट और यूएवी भंडारण और लॉन्च साइटों को तबाह करने का दावा किया है। अनुमान के मुताबिक सीरिया का 70 फीसदी एयर डिफेंस सिस्टम और 80 फीसदी मिसाइल और रॉकेट सिस्टम तबाह हो चुके हैं। इसके अलावा सीरिया के दर्जनों फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर भी इजरायल ने तबाह किया है। सीरिया की नौसेना के बेड़े को भी डुबो दिया गया।

इजरायल-अमेरिका के कारण हुआ तख्तापलट’

सीरिया में असद सरकार के पतन से सबसे बड़ा झटका ईरान को लगा है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने इसके लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार बताया। खामनेई की ओर से दिये भाषण को ईरान के सरकारी चैनल पर प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि सीरिया में जो कुछ हुआ है वह अमेरिकी और यहूदी (इजराइल के संदर्भ में) योजना का परिणाम है। हमारे पास सबूत हैं, और यह सबूत संदेह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता।’

एजेंसी इनपुट ।