जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के संगठन से जुड़ी हैं सोनिया’; भाजपा का आरोप- देश के विकास को रोकना साझा लक्ष्य

   भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सोनिया और जॉर्ज सोरोस का यह जुड़ाव भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दिखाता है। साथ ही दोनों का यह जुड़ाव भारत के विकास को रोकने और बाधित करने के संयुक्त उद्देश्य को भी दिखाता है। 

भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सह-अध्यक्ष के तौर पर फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन से जुड़ी हैं। यह ऐसा संगठन है जो अलग कश्मीर का समर्थन करता है। यही नहीं, इसे हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से पैसा मिलता है।

भाजपा की तरफ से रविवार को एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पोस्ट जारी करके कहा गया सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है। पार्टी के मुताबिक, सोनिया के राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता के कारण जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ साझेदारी हुई, जो भारतीय संगठनों पर विदेशी वित्तपोषण के प्रभाव को दर्शाता है।

भाजपा ने यह भी कहा कि अदाणी पर राहुल गांधी के हमलों का जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से चलने वाले खोजी पत्रकारों के कथित मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी पर सीधा प्रसारण किया गया, जबकि अदाणी की आलोचना के लिए राहुल भी इसका (ओसीसीआरपी) इस्तेमाल स्रोत के तौर पर करते हैं। यह सब भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के उनके प्रयासों को उजागर करता है। पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर पूर्व में सार्वजनिक तौर पर जॉर्ज सोरोस को अपना पुराना मित्र बता चुके हैं।

भाजपा न लोकतंत्र समझती है और न कूटनीति : थरूर

भाजपा ने यह आरोप ऐसे समय लगाए हैं जब एक दिन पहले ही अमेरिका ने इन आरोपों को खारिज किया था कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से वित्तपोषित संगठन और वाशिंगटन की सरकारी संस्थाओं से जुड़े तत्व भारत को अस्थिर करने के प्रयासों में शामिल हैं। अमेरिका के बयान के बाद शशि थरूर ने कहा कि भाजपा न तो लोकतंत्र को समझती है और न ही कूटनीति को। वे तुच्छ राजनीति में इतने अंधे हो गए हैं कि वे लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस और जीवंत स्वतंत्र नागरिक समाज संगठनों के महत्व को भूल जाते हैं। यह हमलावर व्यवहार भारत के लिए शर्म की बात है।
अमेरिका ने क्या कहा?
   शनिवार को अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने इन आरोपों को ‘निराशाजनक’ बताया और कहा कि अमेरिका मीडिया की स्वतंत्रता का हमेशा समर्थन करता है। दूतावास ने यह भी कहा कि अमेरिका ऐसे संगठनों को फंड देता है जो पत्रकारों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर काम करते हैं, लेकिन उनके संपादकीय निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करता।
राहुल गांधी से पूछेंगे 10 सवाल
इस बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि वे लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस मामले पर 10 सवाल पूछेंगे। निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मीडिया पोर्टल संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) और हंगरी-अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस विपक्ष के साथ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का दावा
निशिकांत दुबे ने कहा कि अमेरिका ने माना है कि वह ओसीसीआरपी को फंड करता है और जॉर्ज सोरोस की फाउंडेशन भी इसे समर्थन देती है। उनका कहना है कि ये लोग भारत की छवि खराब करने और मोदी सरकार को निशाना बनाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोकसभा नियम 357 के तहत राहुल गांधी से सवाल पूछने का अधिकार रखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया।

अदाणी समूह पर अमेरिकी अभियोजकों का आरोप

अमेरिका में पिछले महीने गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर 2020 से 2024 के बीच 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देकर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स हासिल करने का आरोप लगाया गया था। इन प्रोजेक्ट्स से 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा होने की संभावना थी। हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताया है। वहीं कांग्रेस इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रही है और सरकार पर अदाणी का बचाव करने का आरोप लगा रही है।
सोरोस पर क्या आरोप लगते हैं?
अमेरिकी अरबपति-परोपकारी जॉर्ज सोरोस पर आरोप लगाया जाता है कि वे राजनीति को आकार देने और सत्ता परिवर्तन के लिए अपने धन और प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने 2020 में राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए विश्वविद्यालय नेटवर्क को एक बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने का एलान किया था।
जॉर्ज सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। जिस तरह से भारत में रिजर्व बैंक (आरबीआई) काम करता है उसी तरह ब्रिटेन में बैंक ऑफ इंग्लैंड काम करता है। सोरोस पर आरोप लगते हैं कि हेज फंड मैनेजर ने एक समय पर ब्रिटिश मुद्रा (पाउंड) को शॉर्ट कर एक बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया था। फोर्ब्स के अनुसार, 29 जून, 2023 तक जॉर्ज सोरोस की कुल संपत्ति 6.7 बिलियन डॉलर है। वह दुनिया के सबसे धनाढ्य लोगों में से एक हैं।