शेख हसीना इसी साल जून महीने में दो बार भारत दौरे पर आई थीं। पहली बार उस समय जब 4 जून को पीएम मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। फिर दूसरी बार 21 जून को वो बांग्लादेशी पीएम के तौर पर दूसरी बार दिल्ली पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद मित्र और क्षेत्रीय साझेदार है। उस दौरे पर दोनों देशों के बीच 10 समझौते हुए थे। हालांकि, शेख हसीना का इस्तीफा होने के बाद क्या होगा असर।
नई दिल्ली: बांग्लादेश में जारी बवाल के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं उन्हें ढाका से भागने पर मजबूर होना पड़ा। वो भारत पहुंचीं। उनका विमान सोमवार शाम हिंडन एयरबेस पर उतरा। यहां उनकी अगवानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने की। हिंडन एयरबेस पर ही एनएसए डोभाल और शेख हसीना के बीच मीटिंग भी हुई।
ऐसा माना जा रहा कि इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। वहीं बांग्लादेश के ताजा हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल बैठक की। इसमें एनएसए अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। ऐसा माना जा रहा कि बांग्लादेश में बिगड़े हालात का असर भारत पर भी पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते जून महीने में ही शेख हसीना बांग्लादेश की पीएम के तौर पर भारत दौरे पर थीं। उस समय दोनों देशों के बीच तीस्ता प्रोजेक्ट समेत 10 समझौतों पर मुहर लगी थी। आइए जानते हैं वो कौन से समझौते थे जिन पर दोनों देश आगे बढ़ रहे थे। सवाल ये भी उठ रहा कि शेख हसीना के जाने से इन समझौतों का क्या होगा?
जून में पीएम मोदी और शेख हसीना के बीच हुआ था समझौता
22 जून 2024, यही वो दिन था जब बांग्लादेश की तत्कालीन पीएम शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई थी। इस वार्ता में तीस्ता जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर अहम समझौता हुआ। दोनों देशों के बीच तीस्ता नदी के संरक्षण से जुड़ी परियोजना को लेकर एग्रीमेंट हुआ। ये तय हुआ कि भारत से टेक्निकल टीम बांग्लादेश जाएगी। ये एग्रीमेंट इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि भारत की ओर से आपत्तियों के बावजूद करीब एक अरब डॉलर के इस प्रोजेक्ट पर चीन की नजर थी। इसके साथ ही दोनों देशों ने डिजिटल क्षेत्र के साथ-साथ समुद्री, रेलवे, मेडिकल, अंतरिक्ष समेत कई अहम समझौतों पर मुहर लगाई।
इन 10 समझौतों पर लगी थी मुहर
- दोनों देश तीस्ता नदी के जल-बंटवारे पर चर्चा के लिए तकनीकी टीम भेजने पर हुए सहमत
- डिजिटल डोमेन में संबंध मजबूत करने को लेकर समझौता
- ‘हरित साझेदारी’ को लेकर अहम समझौता
- दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क बढ़ाने के समझौता
- भारत का बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा की सुविधा ऐलान
- समुद्री रिसर्च, मेरीटाइम सहयोग पर समझौता
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग को लेकर समझौता
- सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में आपसी सहयोग को लेकर समझौता
- स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन-मत्स्य पालन संबंधी समझौता
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बांग्लादेश में तख्तापलट, भारत के लिए चुनौती क्यों?
बांग्लादेश की पीएम रहते हुए शेख हसीना ने जिस तरह से भारत को तरजीह दी, तीस्ता एग्रीमेंट के जरिए चीन को जोर झटका दिया, वो मोदी सरकार के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही थी। हालांकि, अब बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद इन समझौतों पर क्या असर होगा। मोदी सरकार कैसे इस हालात को संभालती है। सवाल ये भी है भारत के इस पड़ोसी राष्ट्र में बनने वाली अगली सरकार से कैसे रिश्ते रहेंगे देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल भारत के सामने बांग्लादेश का घटनाक्रम एक बड़ी चुनौती की तरह जरूर है।