डिप्टी सीएम ने दिए प्रमुख सचिव को निर्देश, एक चिकित्सक पूर्व में हुए थे निलंबित, जांच में दोषी
उप मुख्यमंत्री ने कहा- कार्य के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं, लगातार जारी रहेगी सख्त कार्रवाई
लखनऊ। 09 अगस्त
स्वास्थ्य विभाग में व्यापक सुधार अभियान चल रहा है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने एवं लगातार गैरहाजिर रहने वाले 15 चिकित्सकों पर गाज गिरी है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त करने के निर्देश प्रमुख सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को दिए हैं। इनमें से एक चिकित्सक को पूर्व में निलंबित कर गया था। इस प्रकरण में हुई जांच में वे दोषी पाए गए और अब उनको बर्खास्त करने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए गए हैं।
दस चिकित्सकों को आरोप पत्र
लखनऊ। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने को लेकर दस चिकित्सकों को आरोप पत्र दिया गया है। इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने एवं निदेशक प्रशासन को जांच अधिकारी नामित करने के निर्देश प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को दिए गए हैं।
इन चिकित्सकों में जिला चिकित्सक, गोरखपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. विजय कुमार चौधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सीतापुर के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. पवन अवस्थी, मुख्य चिकित्साधिकारी, मुरादाबाद के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. मोहम्मद शबाब खान, उमाशंकर दीक्षित पुरुष चिकित्सालय, उन्नाव के चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उड़ी, इटावा के चिकित्साधिकारी डॉ. पवन प्रताप सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बलुवा, कुशीनगर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. अजीत कुमार चौधरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, समेरर, बदायू में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. राजवीर सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परसेंडी, सीतापुर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. भरत कुमार सिंह, जिला महिला चिकित्सालय, उन्नाव में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. रितिका सचान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रामपुर मनिहारन, सहारनपुर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. राधेश्याम सैनी शामिल हैं।
साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अड्डा बाजार, महाराजगंज पर तैनात डॉ. अरशद जमाल की लगातार अनुपस्थिति के चलते पूर्व में हुए निलंबित और अब मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, गोरखपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्त किए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को दे दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि हमारा उद्देश्य प्रदेश के आमजन को उच्च श्रेणी की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
सर्जन होने पर भी नहीं की सर्जरी
लखनऊ। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उसका बाजार, सिद्धार्थनगर में तैनात डॉ. रेखा सिन्हा द्वारा सर्जन होने के बावजूद लगातार चार-पांच वर्षों से कोई सर्जरी न किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। डॉ. सिन्हा को तत्काल आरोप पत्र देकर, उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने व मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बस्ती को जांच अधिकारी बनाए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य को दिए गए हैं।
अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय, रामपुर में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनीता चतुर्वेदी द्वारा मुख्यालय में आवासित न रहने, चिकित्सालय के रखरखाव में लापरवाही व अधीनस्थों पर प्रभारी नियंत्रण न रख पाने तथा मरीजों को सही प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान न किए जाने का मामला संज्ञान में आया। इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी की रिपोर्ट के क्रम में डॉ. विनीता को आरोप पत्र देकर इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश भी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को दिए गए हैं।
दो एसीएमओ की वेतन वृद्धियां रोकीं
लखनऊ। कतिपय फर्मों को बिना टेंडर दिए भुगतान व वित्तीय अनियमितताओं के दोष सिद्ध होने पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, बिजनौर डॉ. पारस राम नायर की दो वेतन वृद्धियां (दो वर्ष) तक तथा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, मुजफ्फर नगर डॉ. शैलेष जैन की चार वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोके जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि अनियमितताओं का मामला संज्ञान में आने पर किसी भी चिकित्साधिकारी या स्वास्थ्यकर्मी को बक्शा नहीं जाएगी। उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।