तेहरान: ईरान ने कहा है कि अगर उसके अस्तित्व को खतरा होता है तो वह परमाणु सिद्धांत (Nuclear Doctrine) में बदलाव करेगा। ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार सैय्यद कमाल खर्राजी ने ईरानी परमाणु सिद्धांत को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार कमाल खर्राजी ने गुरुवार को कहा, परमाणु बम बनाने का हमारा कोई निर्णय नहीं है, लेकिन अगर ईरान के अस्तित्व को खतरा होता है, तो हमारे सैन्य सिद्धांत को बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
ईरान के स्टूडेंट न्यूज नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक खर्राजी ने कहा, ‘जायोनी शासन की ओर से हमारी परमाणु फैसिलिटी पर हमले की स्थिति में हमारी प्रतिरोधक क्षमता बदल जाएगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि ईरान पहले ही संकेत दे चुका है कि उसके पास ऐसे हथियार बनाने की क्षमता है। ईरान लंबे समय से शांतिपूर्ण न्यूक्लियर प्रोग्राम का दावा करता रहा है। ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने 2000 के दशक की शुरुआत में एक फतवा जारी कर परमाणु हथियारों के विकास पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ईरान के पास परमाणु हथियार की तकनीक
ईरानी सुप्रीम लीडर ने 2019 में अपने रुख को फिर दोहराते हुए कहा, ‘परमाणु बम बनाना और उनका भंडारण करना गलत है और इसका इस्तेमाल करना हराम है। हमारे पास परमाणु तकनीत है, लेकिन ईरान ने दृढ़तापूर्वक इससे परहेज किया है।’ हालांकि ईरान के तत्कालीन खुफिया मंत्री ने 2021 में कहा था कि पश्चिमी दबाव तेहरान को परमाणु हथियार बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है। ईरान यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक प्राप्त कर सकता है। जबकि हथियार-ग्रेड यूरेनियम 90 फीसदी तक एनरिच किया जाता है।
ईरान ने किया था इजरायल पर हमला
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के एक आधिकारिक मानदंड के मुताबिक अगर मौजूदा परमाणु सामग्री को और अधिक एनरिच किया जाता है तो यह दो परमाणु हथियारों के लिए पर्याप्त होगा। ईरान की ओर से यह चेतावनी तब दी गई है जब अप्रैल में ही दोनों देश आमने-सामने आ गए। ईरान की ओर से 300 मिसाइल और ड्रोन के जरिए हमला किया गया। ईरान का कहना है कि सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के जवाब में इजरायल पर मिसाइल दागे गए हैं।