‘महल’ शब्द मुस्लिम शब्द नहीं है!अरब, ईरान, अफगानिस्तान आदि जगह पर एक भी ऐसी मस्जिद या कब्र नहीं है जिसके बाद महल लगाया गया हो..

इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।     अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ था।…

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1 मई/बलिदान दिवस:महान क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी……सादर नमन

      प्रफुल्ल का जन्म 10 दिसम्बर 1888 को उत्तरी बंगाल के बोगरा जिला (अब बांग्लादेश में स्थित) के बिहारी गाँव में हुआ था। जब प्रफुल्ल दो वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी माता ने अत्यन्त कठिनाई से प्रफुल्ल का पालन-पोषण किया। विद्यार्थी जीवन में ही प्रफुल्ल का…

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सोचकर ही अजीब लगता है कि  हम लोग अंग्रेजों के सैनिक बन कर,अपने ही लोगों पर अत्याचार करते थे बहुत सटीक व तार्किक विश्लेषण….

     कभी-कभी विचार आता है कि 1500 ई. के बाद के ब्रिटिश कितने साहसी और बुद्धिमान रहे होंगे, जिन्होंने   एक ठण्डे प्रदेश से निकलकर,  अनजान रास्ते और अनजान जगहों पर जाकर लोगों को गुलाम बनाया !अभी भी देखा जाए तो ब्रिटेन की जनसंख्या और क्षेत्रफल  गुजरात के बराबर है, लेकिन उन्होंने  दशकों नहीं शताब्दियों तक…

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मृत्यु सांसारिक कठिनाइयों से मुक्ति पाने का साधन नहीं बननी चाहिए-वीर शहीद भगतसिंह

नवम्बर, 1930 में क्रांतिकारी भगतसिंह द्वारा लाहौर की सेंट्रल जेल से बटुकेश्वर दत्त को लिखा गया पत्र :-      प्यारे भाई, मुझे सज़ा सुना दी गई है और फांसी का आदेश हुआ है। इन कोठरियों में मेरे अलावा भी बहुत से कैदी हैं, ये लोग यही प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह फांसी…

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अपराजेय योद्धा  बाजीराव बल्लाळ:एक ऐसा नाम जो चुभता है मुगलई इतिहासकारों को, चुभता है हिंदुत्व के विरुद्ध चाल कुचाल करने वाले अकादमिक एजेंडाबाजों को

   अपराजेय योद्धा  बाजीराव बल्लाळ को अधिकांश लोग मस्तानी से जोड़कर देखते हैं, यह हिंदू जाति के शौर्य को दलित दमित करने का रोमिलाई कुटिलता थी। इतिहास लिखते समय मैकाले के मानसपुत्रों ने अशोक और अकबर से भारत की पहचान जोड़ी। ऐसा इसलिए कि एक तो टॉक्सिक नव बौद्धों के जरिए जोशुआई विमर्श से मिले…

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इतिहास के अनछुए पन्ने आखिर कौन थे ? सम्राट पृथ्वीराज चौहान

पुरा नाम :-          पृथ्वीराज चौहान अन्य नाम :-         राय पिथौरा माता/पिता :-       राजा सोमेश्वर चौहान/कमलादेवी पत्नी :-               संयोगिता जन्म :-               1149 ई. राज्याभिषेक :-     1169 ई. मृत्यु :-           …

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इसलिए राष्ट्रभाषा को कदापि नाक का सवाल मत बनाइये….विक्रम सिंह”विक्रम” की राष्ट्रवादी कविता का आनंद लें

राष्ट्रीय प्रतीक,फल फूल,वृक्ष, पशु,पक्षी सब तो स्वीकार है। फिर राष्ट्रभाषा हिन्दी होने से, आजतक भी क्यों इनकार है।। भारतवर्ष में २२ भाषाओं को, राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। हिंदी ज्यादातर में प्रचलित है, ज्यादा जनसंख्या में व्याप्त है।। सभी क्षेत्रीय भाषायें सम्मानित है। सभी भाषाओं का सम्मान है। पर औषत संपर्क भाषा हिंदी है, हिंदी…

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भगवान नटराज के पैरों के नीचे कौन दबा रहता है? बता रही है धार्मिक मामलो की जानकर मंजुलता शुक्ला

  हम सभी ने भगवान शिव के नटराज रूप को कई बार देखा है। किन्तु क्या आपने ध्यान दिया है कि नटराज की प्रतिमा के पैरों के नीचे एक दानव भी दबा रहता है..?  . आम तौर पर देखने से हमारा ध्यान उस राक्षस की ओर नहीं जाता किन्तु नटराज की मूर्ति के दाहिने पैर…

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हनुमान जयंती पर आज इस खास संयोग में करें पूजा, बन जाएंगे बिगड़े काम

  हिन्दू धर्म में संकटमोचन के नाम से प्रसिद्ध हनुमान जी का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार थे. इसलिए विशेष तौर पर आज हनुमान जयंती के दिन विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करना बहुत शुभ और मंगलदायक माना जाता है. मान्यताओं…

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इतिहास के अछूते पन्नो से -“हमने गढ़ तो जीत लिया, लेकिन मेने मेरा सिंह खो दिया

तानाजीराव मालूसरे का जन्म 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के कोंकण प्रान्त में महाड के पास ‘उमरथे’ में हुआ था। वे बचपन से छत्रपति शिवाजी के साथी थे। ताना जी और शिवा जी एक-दूसरे को बहुत अछी तरह से जानते थे। तानाजीराव, शिवाजी के साथ हर लड़ाई में शामिल होते थे। ऐसे ही एक बार शिवाजी…

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