ओटावा. भारत की एजेंसियों के कनाडा में मौजूद आतंकी अर्श डल्ला पर एक बयान आए अभी महज कुछ घंटे भी नहीं हुए. मगर लगता है कि कनाडा की सरकार ने अर्श डल्ला का बचाव करना शुरू कर दिया है. इसे लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है? आतंकी अर्श डल्ला को गिरफ्तारी के बाद आज कनाडा की कोर्ट में पेश किया जाना था. जिसमें कनाडा की जस्टिन ट्रूडो की सरकार के वकील ने एप्लिकेशन लगाई कि 517 पब्लिकेशन एक्ट के तहत मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. इसके बाद कनाडा की कोर्ट ने ऑर्डर किया कि अर्श डल्ला केस की मीडिया कवरेज न हो.
वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमने खालिस्तान टाइगर फोर्स के असली प्रमुख, घोषित अपराधी अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी पर 10 नवंबर से प्रसारित मीडिया रिपोर्टें देखी हैं. कनाडाई प्रिंट और विज़ुअल मीडिया ने गिरफ्तारी पर व्यापक रूप से रिपोर्ट दी है. हम समझते हैं कि ओंटारियो कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. अर्श डल्ला हत्या, हत्या की कोशिश, जबरन वसूली और आतंकी फंडिंग सहित आतंकवादी कृत्यों के 50 से अधिक मामलों में घोषित अपराधी है. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था.
उसे 2023 में भारत में एक निजी आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था. जुलाई 2023 में, भारत सरकार ने कनाडा सरकार से उसकी अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था. इसे अस्वीकार कर दिया गया. इस मामले में अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करायी गयी. अर्श डल्ला के संदिग्ध आवासीय पते, भारत में उसके वित्तीय लेनदेन, चल/अचल संपत्तियों, मोबाइल नंबरों के विवरण आदि को सत्यापित करने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत कनाडा को एक अलग अनुरोध भी भेजा गया था- जो सभी कनाडाई को प्रदान किए गए थे.
कनाडा के न्याय विभाग ने मामले पर अतिरिक्त जानकारी मांगी. इन सवालों का जवाब इस साल मार्च में भेजा गया था. विदेश विभाग ने कहा कि अर्श डल्ला की हालिया गिरफ्तारी के मद्देनजर, हमारी एजेंसियां प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई करेंगी. भारत में अर्श डल्ला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में इसी तरह की अवैध गतिविधियों में उसके शामिल होने को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा.