लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समर्थकों और विरोधियों के बीच अलग-अलग छवि है। समर्थक कहते हैं कि उनकी सख्त नीतियों से राज्य में अपराध पर लगाम लगी है और कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है। विरोधियों का कहना है कि ऐसे मामलों में इंसाफ अदालतों को ही करना चाहिए। वे एनकाउंटर-बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हैं। इसी तरह योगी यह कहने में संकोच नहीं करते कि अयोध्या में राम मंदिर बन गया है, लेकिन काशी और मथुरा इंतजार में हैं। वहीं, विपक्षियों के लिए वह कट्टर हिंदुत्व का ऐसा चेहरा हैं, जो अन्य धर्मों के लोगों पर ध्यान नहीं देते।
कानपुर देहात के अकबरपुर के शिवनाथ कटियार कहते हैं कि 23 जनवरी को हम अपने बेटे के साथ अयोध्या में ही थे। उस दिन बहुत भीड़ और अव्यवस्था हो गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री को ज्यों ही मालूम हुआ, वह लखनऊ से दौड़े हुए अयोध्या आ गए। पूरी व्यवस्था ठीक कराई। लेकिन लखनऊ के ही इश्तियाक कहते हैं कि योगी धार्मिक मामलों पर जितना ध्यान देते हैं, उतना अन्य मामलों में नहीं। अलीगढ़ के इगलास कस्बे के रामेश्वर सिंह कहते हैं कि अब उनकी बहू-बेटियां निडर और निश्चिंत होकर रात में भी बाहर निकल सकती हैं। वह भी रात को खेत में पानी लगाकर वापस आ जाते हैं।
अपराधियों का भय अब लोगों के दिलोदिमाग से समाप्त हो गया है। उनके साथ खड़े दीपू मौर्य कहते हैं कि वह दिन याद करो जब सड़क पर चलना मुश्किल होता था। शोहदे लड़कियों से छेड़-छाड़ करते थे। लेकिन अब सब कुछ बदल गया है। यह बात लोगों के दिमाग में भर गई है कि यदि गलत करोगे तो भरोगे भी।
यह सब हुआ कैसे
वास्तव में योगी सरकार के 7 साल के शासन में विकास की गाथाएं हैं, लेकिन कुछ विवाद भी। गांव में कई किसान आपको यह कहते मिल जाएंगे कि आवारा पशु परेशान करते हैं। मुख्यमंत्री को इस पर और भी कठोर कदम उठाना चाहिए। समस्या का कुछ निदान हुआ है, लेकिन ग्राम प्रधान और अन्य जिम्मेदार इस पर उस गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। कुछ की शिकायतें हैं कि योगी बुलडोजर का प्रयोग करते हैं। सरकार अदालत के बजाय स्वयं निर्णय करने में लगी है। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें योगी का बुलडोजर अच्छा लगता है कि वह अपराधियों को ठीक कर रहा है। इसीलिए आम लोगों की जुबान से यह बात बार-बार सुनने को मिलती है कि अब बहू-बेटियां सुरक्षित तो हैं।
कानून- व्यवस्था का मुद्दा बड़ा
सवाल बड़ा है कि आखिर यह सब कैसे हुआ है। इसकी भी एक अलग कहानी है। लेकिन जहां तक कानून-व्यवस्था का सवाल है, बदलाव धरती पर दिख रहा है। फिरोजाबाद के सुभाष यादव SP समर्थक हैं और योगी सरकार के आलोचक भी। वह कहते हैं कि एक दौर था जब किसी चाय-पान की दुकान पर बैठकर सरकार के कामकाज की बखिया उधेड़ने में लोग रस लेते थे। सरकार के कामकाज पर बहस होती थी। अब योगी सरकार के खिलाफ बोलते ही कई लोग आप से सवाल-जवाब करने लगते है। अब राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद उनके समर्थकों की संख्या और भी बढ़ गई है। इसलिए चुप रहना ही ठीक रहता है।
मथुरा के कृष्ण देव शर्मा पहले योगी सरकार की तारीफों के पुल बांधते हैं, फिर कहते हैं कि मुख्यमंत्री के पास एक बात पहुंचानो बहुत जरूरी हो गयो है। तहसीलन के कछु कर्मचारी बेलगाम हवे रहे हैं। अपनी आदत छोड़ नाय पा रहे। उन्हें योगी ही ठीक कर सके और काहू के बस की बात नाय। वास्तव में कानून-व्यवस्था एक ऐसा मुद्दा है, जिसने योगी और उनकी सरकार की पूरी छवि को बदल दिया है। यह तथ्य चौंकाता है कि पहले कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी दल चुनाव लड़ते थे और यह मुद्दा सरकार को डराता भी था और कभी-कभी चुनाव में बुरी तरह पराजित भी कर देता था। लेकिन वही मुद्दा सरकार के लिए सबसे मजबूत कड़ी साबित हो रहा है।
बुलडोजर मॉडल हुआ प्रभावी
मैनपुरी के किशनी के राघवेंद्र उर्फ गुड्डू चौहान कहते हैं कि एक ऐसा अपराधी गिरोह खड़ा हो गया था, जो आम लोगों को लूट रहा था। जमीनों पर कब्जे हो रहे थे। जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसी स्थिति थी क्योंकि उनमें से कइयों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और कई तो स्वयं राजनीति में थे। अपराधियों ने जो जमीनें लूटी थीं, उसे छुड़ाया और वहां गरीबों के लिए मकान खड़े कर दिए। विपक्षी यह कहकर इस कार्रवाई पर सवाल करते हैं कि अपराधियों को अदालत में सजा दिलाई जाए, सरकार स्वयं कानून हाथ में क्यों ले रही है
लेकिन, कन्नौज के राम सुमेर यादव कहते हैं कि लोगों के मकान-दुकान लुट गए, उन पर कब्जा हो गया और आज जब अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलता है तो उनके हमदर्दों को बहुत कष्ट होता है। पर आम लोगों को तो संतोष हो रहा है। अपराध और अपराधियों से निपटने का यह योगी मॉडल है।
लाभार्थी योजनाओं का फायदा
देश की ही BJP शासित कई सरकारें इस मॉडल को न सिर्फ स्वीकार कर रही हैं बल्कि उसे लागू भी कर रही हैं। योगी सरकार की लोकप्रियता का एक और बड़ा कारण है लाभार्थी योजना। लोगों का पैसा उनके खातों में सीधे आ जाता है। लखनऊ के पास से सहपुरवा गांव के रहने वाले भरत जाटव BSP समर्थक हैं। लेकिन वह कहते हैं कि क्या नहीं मिला हम लोगों को इस सरकार से। यह सब मोदी और योगी के कारण हुआ। जो बड़े आदमियों के यहां है, वह हम गरीबों को भी मिल चुका है। गैस सिलिंडर बड़े लोगो के घरों में है और हम गरीबों के घर में भी। मकान पक्का बना दिया गया है।
25 साल से गांव में बिजली कनेक्शन के लिए दौड़ रहे थे, लेकिन योगी ने बिजली कनेक्शन भी दिला दिया। एक कार्ड मिल गया है, जिसमें चिकित्सा मुफ्त होती है। अब गांव में नल से पानी भी आ रहा है। टॉयलेट बनवाने के लिए अलग से पैसा मिला था। हर साल छह हजार रुपये किसान निधि का उनके खाते में आ जाता है। हर साल दो सिलिंडर मुफ्त मिल जाते हैं।