बेरहम कानून है UAPA, …मोदी सरकार 3.0 ने मेरी उम्मीदों पर पानी फेर दिया-ओवैसी

    ओवैसी ने कहा कि UAPA का कानून एक इंतिहाई बेरहम कानून है. इसके चलते न-जाने कितने मुसलमानों, दलितों और आदिवासियों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गईं. मोदी सरकार 3.0 से कुछ उम्मीद थी लेकिन उन्होंने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया.

असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यह एक बेरहम कानून है. इस कानून के तहत न जाने कितने मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों की जिंदगी तबाह कर दी गई. एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव के नतीजों से कुछ सीखेंगे, लेकिन उन्होंने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया

ओवैसी ने एक्स पर कहा, UAPA का कानून आज फिर से चर्चा में है. यह एक इंतिहाई बेरहम कानून है, जिसकी वजह से न-जाने कितने हजार मुसलमान, दलित और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गईं. यह कानून एक 85 वर्षीय स्टैन स्वामी की मौत का कारण बना. इस कानून को कांग्रेस सरकार ने 2008 और 2012 में और सख्त बनाया था. मैंने तब भी इसकी मुखालफत की थी.

जुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला जारी रहेगा

ओवैसी ने आगे कहा कि 2019 में भाजपा ने फिर से इस पर ज्यादा सख्त प्रावधान लाए थे तब कांग्रेस ने भाजपा का साथ दिया था. मैंने तब भी इस कानून का विरोध किया था. अगर मोदी 3.0 से ये उम्मीद थी कि वो चुनाव के नतीजों से कुछ सीखेंगे, तो इन्होंने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया. जुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला जारी रहेगा.

अरुंधति रॉय के खिलाफ चलेगा UAPA के तहत मुकदमा

हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरुंधति रॉय और कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. दोनों के खिलाफ यूएपीए की धारा 45(1) तहत केस चलेगा. साल 2010 में रॉय और हुसैन ने कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था. भड़काऊ भाषण में जम्मू-कश्मीर को आजाद करने की बात कही गई थी. ये कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर कभी भारत का हिस्सा नहीं था. इस पर जबरन कब्जा किया गया.

2024 में BJP अपने दम पर नहीं हासिल कर पाई बहुमत

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई. एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार किया. बीजेपी को 240 सीटें मिलीं जबकि एनडीए ने 293 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी बहुमत के आंकड़े को नहीं टच कर पाई. 2014 और 2019 में बीजेपी को 282 और 303 सीटें आई थीं.