राष्ट्रीय प्रतीक,फल फूल,वृक्ष,
पशु,पक्षी सब तो स्वीकार है।
फिर राष्ट्रभाषा हिन्दी होने से,
आजतक भी क्यों इनकार है।।
भारतवर्ष में २२ भाषाओं को,
राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
हिंदी ज्यादातर में प्रचलित है,
ज्यादा जनसंख्या में व्याप्त है।।
सभी क्षेत्रीय भाषायें सम्मानित है।
सभी भाषाओं का सम्मान है।
पर औषत संपर्क भाषा हिंदी है,
हिंदी आज भारत की पहचान है।।
इसलिए राष्ट्रभाषा को कदापि नाक का सवाल मत बनाइये।
हिंदी बोलचाल सारे देश में है। हिंदी को राष्ट्रभाषा अपनाइए।।
आइये संकीर्णता से ऊपर उठें,
राष्ट्रभाषा हिंदी अपनाया जाए।
हिंदी राष्ट्रसंघ तक जा चुकी हैं,
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाया जाए।।
विक्रम सिंह”विक्रम”