मां विंध्यवासिनी धाम में है सूक्ष्म त्रिकोण, इसके दर्शन कर लीजिए, बराबर मिलेगा फल

आध्यात्मिक धर्मगुरु पंडित रामाज्ञा दूबे ने यूपी जागरण को बताया कि मां विंध्यवासिनी श्रीयंत्र की अधिष्ठात्री हैं. त्रिकोण के दर्शन से एक सहस्रचंडी का फल प्राप्त होता है. मां विंध्यवासिनी का वृहद त्रिकोण 7 किलोमीटर में स्थित है, जिनमें भक्त मां विंध्यवासिनी , कालीखोह व ज्ञान की देवी मां अष्टभुजा के दर्शन करते हैं

ज्योतिष मर्मज्ञ धर्म गुरु पंडित रामाज्ञा दूबे .

      मिर्जापुर. श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र मां विंध्यवासिनी धाम में भक्त सूक्ष्म त्रिकोण के दर्शन कर सकते हैं. मां विंध्यवासिनी महालक्ष्मी की अवतार हैं, जो मां महाकाली और मां अष्टभुजा के साथ मिलकर वृहद त्रिकोण बनाती हैं. शक्ति और सिद्धि के लिए विंध्यपर्वत पर वृहद त्रिकोण की काफी मान्यता है, लेकिन मां विंध्यवासिनी धाम के अंदर भी मां विंध्यवासिनी, मां महाकाली और मां सरस्वती के साथ मिलकर सूक्ष्म त्रिकोण बनाती हैं, जिसका भी फल वृहद त्रिकोण के बराबर मिलता है. अगर आप मां के दरबार में आ रहे हैं और समय कम है, तो आप मां के धाम में स्थित सूक्ष्म त्रिकोण के दर्शन कर सकते हैं.

आध्यात्मिक धर्मगुरु पंडित रामाज्ञा दूबे ने यूपी जागरण को बताया कि मां विंध्यवासिनी श्रीयंत्र की अधिष्ठात्री हैं. त्रिकोण के दर्शन से एक सहस्रचंडी का फल प्राप्त होता है. मां विंध्यवासिनी का वृहद त्रिकोण 7 किलोमीटर में स्थित है, जिनमें भक्त मां विन्दुवासिनी, कालीखोह व ज्ञान की देवी मां अष्टभुजा के दर्शन करते हैं. मां विंध्यवासिनी धाम में भी एक सूक्ष्म त्रिकोण बनता है, जिसमें भक्त मां विंध्यवासिनी के दर्शन कर सकते हैं. मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद भक्त मां महाकाली के दर्शन कर सकते हैं. महाकाली का नेत्र ऊपर की तरफ घूमा हुआ है, जो भक्तों का सूक्ष्म अवलोकन करती हैं और उनकी क्रिया में सुधार करती हैं.

विराजमान हैं ज्ञान की देवी सरस्वती

धर्मगुरु पंडित रामाज्ञा दूबे ने बताया कि महाकाली के दर्शन के बाद भक्त मां सरस्वती के दर्शन कर सकते हैं. मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, जो आपके ज्ञान में वृद्धि करती हैं. अगर आप देखेंगे तो मां विंध्यवासिनी के धाम में महालक्ष्मी, महाकाली और मां सरस्वती का सूक्ष्म त्रिकोण बन रहा है. इस त्रिकोण में भी भक्तों को उतना ही फल प्राप्त होता है. मां विंध्यवासिनी का धाम बेहद खास है. मां भक्तों को उत्कर्ष की ओर ले जाती हैं, इसलिए मां का यह धाम विशेष है.