सारा जग है प्रेरणा, प्रभाव सिर्फ राम है…स्व0रूपनारायण त्रिपाठी की 34वीं पावन स्मृति में कवि सम्मेलन संपन्न

पं0 रूपनारायण त्रिपाठी की 34वीं पावन स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन
जौनपुर। कालजयी रचनाकार महाकवि पत्रकार पं0 रूपनारायण त्रिपाठी की 34वीं पावन स्मृति को समर्पित गीत रूप नमन समारोह के अवसर पर रूप सेवा संस्थान जौनपुर एवं उ0प्र0 भाषा संस्थान लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन जगत नारायण इण्टर कालेज जगतगंज जौनपुर में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारम्भ काशी से पधारे कवि धर्मराज मिश्र के वाणी वन्दना एवं काव्य पाठ से हुआ। देश के शीर्षस्थ रचनाकार, गीतकार डा0 बुद्धिनाथ मिश्र ने काव्यपाठ करते हुए अपनी सुप्रसिद्ध कविता –
(1) एक बार और जाल फेंक रे मछेरे, जाने किस मछली में बंधन की चाह हो।

(2) जो सजा मिली जिसको, काटना उसे ही है, एक सांस कम जिन्दगी नहीं होती
न यहां जमानत है, न कोई वकालत ही, राम की कचहरी में पैरवी नहीं होती।

इन्दौर से पधारे देश के ख्यातिलब्ध कवि अमन ’अक्षर’ ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए-
सारा जग है प्रेरणा, प्रभाव सिर्फ राम है। भाव सूचियां बहुत है, भाव सिर्फ राम है।।

कभी व्यवहार यह अपना नहीं, कहीं रूखा नहीं रखती।
भले तन छूट जाये यह मन सूखा नहीं रखती।
यहां दुनिया में कितने हैं, जो रोटी छीन लेते हैं।
पर ये धरती मां हमें कभी भूखा नहीं रखती।।
उच्च प्रशासनिक अधिकारी काव्यशिल्पी अखिलेश मिश्र (आई0ए0एस0) ने –
रोटी खरीद लाया था ईमान बेचकर, घर में बचा था बस यही सामान बेचकर।
गुमटी उठाकर ले गयी है नगर पालिका, आया था शहर गांव की दुकान बेचकर।।
लखनऊ से पधारे वीर रस के कवि अतुल वाजपेयी –
बल बुद्धि पराक्रम के सागर जिनके आयुध धनु सायक हैं
वह पुरूषोत्तम भारत गौरव, प्रभु राम हमारे नायक हैं।
प्रयागराज से पधारे कवि डा0 श्लेष गौतम-
लिखा था रह जायेगा, रहता नहीं शरीर।
इसीलिए मरते नहीं तुलसी, सूर, कबीर।।

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में रूप सेवा संस्थान एवं भाषा संस्थान की तरफ से श्री लोकेश त्रिपाठी द्वारा आगन्तुक कवियों एवं कवि सभाजीत द्विवेदी ,प्रखर,डा0 प्रेमचन्द विश्वकर्मा, गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव ’गिरीश’, फूलचन्द भारती, सी0एम0 पाण्डेय, श्रीमती सुमति श्रीेवास्तव, राजेश पाण्डेय, संजय सिंह ’सागर’ को स्मृतिचिन्ह एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, पूर्व कुलपति प्रो0 राम मोहन पाठक,  राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार श्री गिरीशचन्द्र यादव, सांसद श्याम सिंह यादव, डा0 देवेश उपाध्याय, डा0 मनोज मिश्रा, पूर्व विधायक एवं जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन कुंवर वीरेन्द्र सिंह, श्याम मोहन अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र प्रताप सिंह, डा0 पी0पी0 दूबे, प्राचार्य सुरेश कुमार पाठक, पूर्व प्रधानाचार्य छविनाथ मिश्र, प्रधानाचार्य नागेश पाठक, डा0 रामेश्वर त्रिपाठी, भारतेन्दु मिश्र, रामदयाल द्विवेदी, डा0 माधवन सिंह, अरविन्द सिंह ’बेहोश’, ताराशंकर मिश्र एडवोकेट, आनन्द मिश्र एडवोकेट, पत्रकार लोलारक दूबे, कपिलदेव मौर्या, डा0 मधुकर तिवारी, दयासागर राय, प्रशान्त त्रिपाठी, अनिल त्रिपाठी, आदित्य, सुनील, विवेक, संजय त्रिपाठी, धर्मराज मिश्र, नीरज त्रिपाठी, संजय उपाध्याय, अजय सिंह, धर्मेन्द्र मिश्र सहित जनपद के संभ्रान्त जन उपस्थित थे। देर रात तक कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोतओं को मंत्रमुग्ध किया।
संस्था संरक्षक पं0 रामकृष्ण त्रिपाठी ने आगन्तुक कवियों एवं अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डा0 बुद्धिनाथ मिश्र ने किया, सफल संचालन कवि श्री श्लेष गौतम ने किया।