राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्र कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार वक्फ बोर्ड कानून को लेकर उन्होंने कहा कि “वक्फ में पहले पारदर्शिता नहीं थी, दस्तावेज नहीं थे. कह सकते हैं कि यह कुछ मजहबी और कुछ सियासी माफिया का अड्डा बन चुका था देश में मजहब के नाम पर जो दंगे भड़काए जाते हैं, वे भी बंद हो जाएंगे.”
मुसलमानों को योजनाओं का मिलेगा लाभ: आगे इंद्रेश कुमार ने कहा, “वक्फ में पहले पारदर्शिता नहीं थी. दस्तावेज नहीं थे. कह सकते हैं कि यह कुछ मजहबी और कुछ सियासती माफिया का अड्डा बन चुका था. इससे मुसलमान को कोई भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. इतने वर्षों में कोई समाज हित का काम भी नहीं हुआ. इसलिए जो माफिया था उससे वक्फ बोर्ड को पूर्ण रूप से मुक्ति मिली है. मुसलमान में एक तरह का भय का माहौल बना रखा था. इसलिए मुसलमान और वक्फ बोर्ड को कांग्रेस और ऐसे ही अन्य दल और मजहबी नेताओं से भय मुक्ति मिली है.
वोट बैंक के रूप में इन पार्टियों ने इनको बंधवा मजदूर बना लिया था उसे इनको आजादी मिली हैमुसलमानों के हित में बिल: इंद्रेश कुमार ने कहा कि, “दूसरी बात यह हुई है कि अब वक्फ बोर्ड की आमदनी से मुसलमान को कल्याणकारी योजनाएं बनेगी, और इससे मुसलमान का बहुत ज्यादा हित होगा. परंतु माफिया और जो वोट बैंक के खिलाड़ी से उनको इसे बहुत बड़ा नुकसान होगा. इस बिल पर काफी लंबी बहस हुई और विपक्ष ने काफी भ्रामक प्रचार किया कि मुसलमान की धार्मिक जगह पर कब्जा हो जाएगा. मुसलमान के अधिकारों को छीन लिया जाएगा. जैसा इन्होंने सी.ए. बिल पर भी इन्होंने ऐसे वहम डालने का काम किया था, जबकि आज तक ना तो किसी से कोई कागज मांगे नहीं है और ना ही किसी को भारत से बेदखल किया गया है.
वक्फ में पहले पारदर्शिता नहीं थी, दस्तावेज नहीं थे, कुछ सियासी माफिया का अड्डा बन चुका था : इंद्रेश कुमार
इसलिए जो भी इस बिल की विरोधी है. वह मुसलमान के भी विरोधी है, वह देश की एकता अखंडता के भी विरोधी हैं.इंद्रेश कुमार ने कहा, “देश की आजादी के बाद भारत का मुसलमान पहली बार हैप्पी ईद मना रहा है और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर नए सपने देखेगा और देश में मजहब के नाम पर जो देंगे भड़काए जाते हैं वह भी बंद हो जाएंगे. जो लोग इस बिल को लेकर कोर्ट में गए हैं वह लोग संसद में अपना पक्ष कानून के रूप में नहीं रख सके.
इसके विपरीत जो लोग इस बिल के ऊपर भड़काने का काम कर रहे थे. उनका पर्दाफाश हुआ है. मेरा कहना यह है कि जिन लोगों ने न्यायालय की शरण ली है. उन्हें न्यायालय के माध्यम से जाना चाहिए, ना कि सड़कों पर धरने प्रदर्शन करने चाहिए.” इंद्रेश कुमार ने इस बिल के फायदे बताते हुए कहा कि, ” इससे दंगा मुक्त भारत बनने की प्रक्रिया तेज हो गई है.
वक्फ बोर्ड को आमदनी सबसे ज्यादा हिंदुओं से है. दरगाहों पर भी सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ता है, इसलिए यह सब पैसा कल्याणकारी योजनाओं में काम आएगा. जिससे सबको लाभ ही लाभ होगा. धर्मांतरण, लव जिहाद और अन्य कहीं ऐसी अनैतिक प्रक्रिया है, जिन पर लगाम लगेगी.”