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मुख्य अतिथि विधायक बदलापुर रमेश चंद्र मिश्र द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मा0 विधायक जी ने कहा कि प्रदेश का विकास कृषि के विकास में निहित है। पूर्व में कृषि विकास हेतु संचालित योजनाओं में उत्पादन, उत्त्पादकता वृद्धि एवं खाद्य सुरक्षा पर विशेष बल रहा है। उत्पाद का मूल्य सम्बर्धन, ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकेजिंग कर किसानों की समृद्धि की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि किसानों को अब खेती को आजीविका के साधन के रूप में नही बल्कि उद्यम के रूप में अपनाने की आवश्यकता है, इसमे कृषि तथा संबंधित विभागों यथा पशुपालन, उद्यान, मत्स्य, मंडी का सहयोग किसान भाइयों को लेना होगा।
मा0 विधायक ने अधिक से अधिक पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए श्री अन्न की खेती पर जोर दिया।
उप कृषि निदेशक हिमांशु पाण्डेय द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए खरीफ रणनीतियों एवं संचालित योजनाओं की दी गई।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सुरेश कन्नौजिया ने किसानों को कम लागत वाली तकनीकीयों, फसल चक्र, सन्तुलित उर्वरक प्रबंधन, जल प्रबंधन, फसल अवशेष प्रबंधन, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, समन्वित कृषि प्रणाली, प्रधानमंत्री फसल बीमा एवं जैविक खेती की जानकारी विस्तार से दिया।
कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप कुमार ने खरीफ फसलों में कीट एवं रोगों के बचाव की जानकारी दिया।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. राकेश कुमार सिंह ने बीज शोधन, भूमि शोधन, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण की जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला जिला कृषि अधिकारी विनय सिंह तथा संचालन डिप्टी पीडी आत्मा डा. रमेश चन्द्र यादव ने किया।
इस मौके पर एलडीएम, डीडीएम नाबार्ड, डीएचओ, भूमि संरक्षण अधिकारी, अधिशासी अभियंता विधुत, सिचाई, नहर एव नलकूप, एआर कोऑपरेटिव सहित सैकड़ों किसान किसान मौजूद रहे