टीडीएस इसलिए काटा है ताकि जैसे ही आमदनी हो, वैसे ही कर चुका दिया जाए और इसके लिए वित्त वर्ष के अंत तक इंतजार नहीं करना पड़े।
देश भर के करदाता इस समय अपने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने में जुटे होंगे। इस दौरान लोग अक्सर स्रोत पर काटे गए कर यानी टीडीएस (TDS) की अनदेखी कर देते है, जबकि यह बहुत अहम है। यह कटौती पूरे साल आपकी आय में से की जाती है और जरूरत से ज्यादा कर चुका दिया हो तो करदाता टीडीएस वापसी या रिफंड का दावा करना जरूरी हो जाता है।
क्या है टीडीएस (what is tds)
आपको जहां से आमदनी हो रही है, वहीं पर कर काट लेने के लिए सरकार टीडीएस का इस्तेमाल करती है। यह आय के कई स्रोतों से काटा जाता है जैसे वेतन, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिला ब्याज, प्रोफेशनल फीस आदि। टीडीएस इसलिए काटा है ताकि जैसे ही आमदनी हो, वैसे ही कर चुका दिया जाए और इसके लिए वित्त वर्ष के अंत तक इंतजार नहीं करना पड़े।
टीडीएस रिफंड क्या है
आमदनी के स्रोत पर अगर आपका ज्यादा कर कट गया है तो उसे वापस पाने की प्रक्रिया ही रिफंड कहलाती है। टीडीएस कब वापस किया जाता है? जब करदाता द्वारा साल की शुरुआत में बताए गए अनुमानित निवेश से ज्यादा निवेश साल के अंत तक हो जाता है। यदि आयकर विभाग टीडीएस रिफंड में देर करता है तो उसे 6 फीसदी सालाना की साधारण दर से आपको ब्याज देना पड़ेगा। उसे आयकर अधिनियम की धारा 244ए के तहत ऐसा करना पड़ता है।
ऑनलाइन टीडीएस रिफंड
टीडीएस रिफंड की अर्जी ऑनलाइन डालने के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। अगर आपने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो खुद को पोर्टल पर रजिस्टर कराएं। अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालकर पोर्टल पर लॉग इन करें। अपनी श्रेणी के हिसाब से आयकर रिटर्न फॉर्म चुनें और रिटर्न दाखिल करें। फॉर्म में जरूरी ब्योरा भरें और उसे जमा कर दें। वहां से मिली पावती का ई-सत्यापन डिजिटल दस्तखत, नेट बैंकिंग खाते या आधार के जरिये आने वाले वन टाइम पासवर्ड (OTP) की मदद से करें।
वेरिफिकेशन कैसे करें?
1. आयकर विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं।
2. अपना यूजर आईडी, पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉग इन करें। उसके बाद ‘ई-फाइल’ टैब पर जाएं।
3. वहां नीचे की ओर मेन्यू खुलेगा, जिसमें से ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ और फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न्स’ चुनें।
4. ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न्स’ में आपको अपने अभी तक दाखिल रिटर्न की सूची दिखेगी।
5. जिस असेसमेंट वर्ष की स्थिति आपको जांचनी है, उस वर्ष के आगे लिखे ‘सी डीटेल्स’ पर क्लिक करें।
अगर आपका रिटर्न प्रोसेस हो गया है और उस पर रिफंड बनता है तो आपको वहां ‘रिफंड स्टेटस’ लिंक दिखेगा। उस लिंक पर क्लिक करें और अपने रिफंड के बारे में विस्तार से जानकारी ले लें। स्क्रीन पर आपको रिटर्न दाखिल करने की तारीख, उसकी प्रोसेसिंग की तारीख और रिफंड जारी करने की तारीख समेत पूरा ब्योरा नजर आएगा।