चैत्र मास का अर्थ ही ‘राम’ होता है…..

पता नहीं कब से, शायद जब से धरा धाम पर राम आये तभी से सभ्यता के लिए चैत्र मास का अर्थ ही ‘राम’ होता है।     फगुआ की शाम को ढोलक पर पड़ती एक मदमाती थाप, और अनेक उल्लासित कंठों का सम्मिलित स्वर-   “ए रामा चइत महिनवा, ए राम के जनमवा ए रामा…”    यदि…

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