स्वयं में राम का प्राकट्य कैसे करें?

   राम जनमानस के जीवन-दर्शन हैं । परिवार , समाज , लोक , संसार सबमें एक अकेला जीव अपने को इकाई समझ , कैसे रहे कर्तव्य बोध कैसा हो ,फिर जीवन का मुख्य ध्येय कैसे सिद्ध हो , सबकुछ राम ने अपने आचरण में लाकर  प्रोत्साहना दिया है । इसीलिये उन्हे  मर्यादा -पुरुषोत्तम्  कहा गया…

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