करंजाकला। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में पांच करोड़ की लागत से भवनों पर सोलर पैनल लगाया गया था। यह आठ महीने पहले अंक अर्जित करने के लिए नैक मूल्यांकन के समय लगा था। नैक टीम निरीक्षण करके चली गई लेकिन आज तक विभिन्न भवनों पर लगे सोलर पैनल को अभी तक सप्लाई के लिए नहीं जोड़ा गया। जिससे अभी भी विश्वविद्यालय का 20 से 25 लाख रुपये बिजली का बिल आ रहा है।
बिजली बिल की बचत के उद्देश्य लगाए गए सोलर पैनल अब सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। कई सोलर पैनल में जंग सा लग गया है। पिछले आठ महीने से विश्वविद्यालय में लगे सोलर पैनल से एक भी लाइट व पंखे नहीं चले हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि पांच करोड़ रुपये खर्च करके भी विश्वविद्यालय बिजली की बचत नहीं कर पा रहा है तो क्या सिर्फ नैक टीम के दिखावे के लिए सोलर पैनल लगाया गया।
सोलर पैनल को भवनों के सप्लाई से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। प्रयास है कि जल्द सोलर पैनल के कनेक्शन से विश्वविद्यालय के सभी संकायों को और प्रशासनिक भवन को भी जोड़ा जाएगा।
-महेंद्र कुमार, कुलसचिव, पूर्वांचल विश्वविद्यालय