सामाजिक समरसता का भी संदेश देगा राममंदिर

अयोध्या। राममंदिर सामाजिक समरसता का भी संदेश देगा। राम जन्मभूमि परिसर में सप्त मंडपम का निर्माण किया जाना है। यहां श्रीराम के समकालीन सात पात्रों के मंदिर बनेंगे। सप्त मंडपम का निर्माण कार्य 15 दिन के भीतर शुरू हो जाएगा। इन मंदिरों के जरिये जन-जन के राम भी अवधारणा साकार होती नजर आएगी।

राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि परिसर में एक बड़े आकार का मंडप बनाया जाएगा। इसमें श्रीराम के समकालीन सात पात्रों के छाेटे-छोटे मंदिर होंगे। सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी व माता अहिल्या के मंदिर होंगे।

नृपेंद्र मिश्र ने राममंदिर बुधवार को सरयू तट स्थित रामकथा संग्रहालय का भी निरीक्षण किया। पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की। निरीक्षण के बाद कहा कि रामकथा संग्रहालय को विश्व स्तरीय स्वरूप देने की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर आज एक बैठक भी की गई है। जल्द ही कार्यदायी संस्था का चयन कर संग्रहालय के सुंदरीकरण का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। यहां राममंदिर आंदोलन के 500 सालों के संघर्ष की कहानी श्रद्धालु संग्रहालय के माध्यम से जान सकेंगे।
बताया कि रामजन्मभूमि परिसर की खोदाई के दौरान मिले अवशेष भी यहां सुरक्षित रखे गए हैं। इसके अलावा डिजिटल रामायण गैलरी में रामकथा का प्रदर्शन समेत देश-विदेश में प्रचलित रामकथाओं की पूरी जानकारी यहां उपलब्ध रहेगी। इसके स्वरूप को लेकर मंथन हो रहा है, फिर ट्रस्ट के समक्ष रखा जाएगा, सहमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। इसी साल रामकथा संग्रहालय दिव्य-भव्य रूप में आकर्षण का केंद्र होगा।