लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज अपने कैंडिडेट्स की 15वीं लिस्ट जारी कर दी. बीजेपी ने पूनम महाजन का टिकट काट दिया है. जबकि आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्जवल निकम को मुंबई उत्तर मध्य से चुनावी मैदान में उतारा गया है.
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज अपने कैंडिडेट्स की 15वीं लिस्ट जारी कर दी. बीजेपी ने पूनम महाजन का टिकट काट दिया है, जबकि आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्जवल निकम को मुंबई उत्तर मध्य से चुनावी मैदान में उतारा गया है. बता दें कि उज्ज्वल निकम देश के सबसे मशहूर सरकारी वकीलों में से हैं, वह आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिलवाने से लेकर, 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल मामलों में सरकारी पक्ष की पैरवी कर चुके हैं.
बात पूनम महाजन की करें तो वह 2006 में पिता प्रमोद महाजन की हत्या के बाद भाजपा में शामिल हुईं थीं. 2009 में पहली बार घाटकोपर वेस्ट से सांसद चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं. 2014 में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया था. बता दें कि पूनम ट्रेन्ड पायलट हैं. उन्होंने इसकी ट्रेनिंग अमेरिका के टेक्सास से ली है. उनके पास 300 घंटे फ्लाइंग का अनुभव है. ब्राइटन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट से बीटेक की डिग्री 2012 में पूरी की थी.
वहीं, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट पर किसी भी पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. कभी यहां से बीजेपी जीती तो कभी कांग्रेस. शिवसेना और आरपीआई के उम्मीदवार भी यहां से जीतने में सफल रहे. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से पूनम महाजन ने बाजी मारी थी. उन्होंने कांग्रेस नेता प्रिया दत्त को मात दी थी. एक ओर पूनम महाजन को जहां 4,86,672 वोट मिले थे, वहीं प्रिया दत्त को 3,56,667 वोट मिले थे.
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट 2014 में बीजेपी की पूनम महाजन जीतीं तो 2009 में कांग्रेस से सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त ने बाजी मारी, प्रिया दत्त ने बीजेपी के महेश राम जेठमलानी को हराया था. जबकि 2004 में इस सीट पर एकनाथ गायकवाड़, 1999 में शिवसेना के मनोहर जोशी तो 1998 में आरपीआई के रामदास अठावले ने कब्जा जमाया था.
1996 में शिवसेना के नारायण अठावले तो 1991 में कांग्रेस के शरद दिघे को जीत मिली. 1989 में शिवसेना के विद्याधर गोखले ने बहुत कम मार्जिन से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया तो 1984 में कांग्रेस के शरद दिघे को यहां से जीत मिली थी. 1980 में जनता पार्टी की प्रमिला मधु दंडवते ने कांग्रेस उम्मीदवार को मात दी तो वहीं 1977 में इस सीट पर सीपीआई (एम) की अहिल्या रांगेकर को जीत मिली थी.