आजकल भागदौड़ से भरी जीवनशैली के चलते, लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। फैटी लिवर इन्हीं में से एक है। पेट के ऊपरी सीधे हिस्से में दर्द होना, ब्लोटिंग, खाना ठीक से न पचना,थकान, बहुत अधिक गैस बनना और उल्टी जैसा महसूस होना, फैटी लिवर के लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर लिवर में फैट जमा होने की वजह, गलत खान-पान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल होता है। ऐसे में इसके लक्षणों को मैनेज करने के लिए, सबसे जरूरी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव ही है।

खान-पान में हेल्दी चीजों को शामिल करना और जीवनशैली से जुड़ी हेल्दी आदतों को अपनाना, फैटी लिवर में फायदेमंद हो सकता है। अदरक और आंवला, फैटी लिवर के लक्षणों को कम करके, लिवर हेल्थ सुधारने में मदद कर सकते हैं। इन्हें आप किस तरह से डाइट में शामिल कर सकते हैं, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
फैटी लिवर के लक्षणों को कम करने के लिए आंवला और अदरक का ऐसे करें इस्तेमा
एक्सपर्ट का कहना है कि फैटी लिवर के लक्षणों को मैनेज करने में आंवला और अदरक दोनों ही फायदेमंद हैं।
आप अदरक को पानी में उबालकर पी सकती हैं और कच्चे आंवले के जूस को भी डाइट में शामिल कर सकती हैं या कच्चे आंवले को काले नमक के साथ खाली पेट खा सकती हैं।
इसे और अधिक फायदेमंद बनाने के लिए, 1 आंवला, आधा इंच अदरक, ऐलोवेरा, 1 लहसुन की कली और तुलसी की 4-5 पत्तियों को थोड़े से पानी के साथ ब्लेंड करके भी पी सकती हैं।
आंवला में एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं। यह विटामिन-सी से भी भरपूर होता है। लिवर को स्वस्थ रखने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में आंवला फायदा पहुंचाता है।आंवला, लिवर डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ाता है और लिवर में जमा गंदगी को दूर करने में मदद कर सकता है।
आंवले में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह शरीर में मौजूद इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकता है।
अदरक पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह पेट की गैस और ब्लोटिंग को कम कर सकती है। यह शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है और लिवर हेल्थ को सुधारने का काम करती है।
लहसुन में एलिसिन और सेलेनियम जैसे कंपाउंड होते हैं। यह फैटी लिवर को कम करने में मदद कर सकता है।
अपने एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, लहसुन लिवर की सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है।
ऐलोवेरा जूस, लिवर हेल्थ को सुधारते हैं। यह बॉडी डिटॉक्स में भी मदद करता है। एलोवेरा के एंटी-ऑक्सीडेंट्स, लिवर सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
तुलसी के पत्तों में हेपाटो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं।
आयुर्वेद में कहा गया है कि लिवर हेल्थ के लिए डाइजेस्टिव फायर का सही होना डरूरी है। इसके लिए, डाइट में अदरक, हल्दी और जीरे को शामिल करें। इससे डाइजेशन सुधरता है।
ये सभी चीजें शरीर में न्यूट्रिएंट्स के अब्जॉर्बशन को बढ़ावा हेती हैं और इससे टॉक्सिन्स कम होते हैं और लिवर फंक्शन सुधरता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, फैटी लिवर होने पर शुगर वाली चीजें और ड्रिंक्स को तुरंत बंद कर दें। इससे कुछ हफ्तों में लिवर पर जमी चर्बी कम हो सकती है।
रोजाना कम से कम आधे घंटे ब्रिस्क वॉकिंग और योग करें। इससे लिवर की चर्बी 30 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
क्रूसिफेरस सब्जियां जैसी ब्रोकली, गोभी और स्प्रॉउट्स को डाइट में शामिल करें। ये चीजें एंटी-ऑक्सीडेंट्स फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती हैं और फैटी लिवर को कम करती हैं।
-
- एक्सपर्ट का कहना है कि फैटी लिवर का मतलब, सिर्फ लिवर के इर्द-गिर्द फैट जमा होना नहीं होता है, बल्कि इसकी वजह से कई सीरियस हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं।
- इसके कारण, लिवर इंफ्लेमेशन और लिवर सिरोसिस हो सकता है। अगर लंबे समय तक इस पर ध्यान न दिया जाए, तो लिवर फेलियर भी हो सकता है।
- फैटी लिवर की वजह से डायबिटीज, दिल की बीमारी और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का खतरा बढ़ जाता है।
- लिवर के सही तरह से काम करने के लिए, गट हेल्थ का सही होना जरूरी है। डाइट में साबुत अनाज, सब्जियां और हेल्दी फैट्स को शामिल करें।
- ये सभी चीजें गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देती हैं और इंफ्लेमेशन कम करती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इससे टॉक्सिन्स यानी अमा कम होते हैं। इनके बढ़ने पर लिवर फंक्शन पर असर होता है।
- शरीर को डिटॉक्स करने के लिए, सब्जियां, फल और दालों को खाएं। अलग से डिटॉक्स करने के लिए, हार्श डाइट का सेवन कई बार नुकसान पहुंचा सकता है।
(लेखिका सामाजिक कार्यकर्ता एवं न्यूरो कौंसिलर हैं )