ग्रामोदय विश्वविद्यालय में,पुरस्कार वितरण के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का हुआ समापन

ग्रामोदय विश्वविद्यालय में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

चित्रकूट। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय स्थित सीएमसीएलडीपी सभागार में आयोजित सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की छात्राओं इशू सिंह, कुमारी भारती सिंह एवं आकांक्षा त्रिपाठी ने सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय का कुल गीत प्रस्तुत किया ।स्वागत भाषण प्रो आईपी त्रिपाठी ने किया।

विशेषज्ञ के रूप में डॉ पी के खरे छत्रसाल महाराज विश्वविद्यालय छतरपुर एवं प्रो एस पी गौतम लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष मौजूद रहे। विज्ञान भारती के प्रांतीय संगठन मंत्री अंकित विशिष्ट अतिथि रहें। अध्यक्षता ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने की। कार्यक्रम संयोजक डॉ सीता शरण गौतम रहे।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन विज्ञान परिषद एवं ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था।प्रायोजक मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल ,नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस इंडिया चित्रकूट चैप्टर रहे। संयोजक डॉ सीता शरण गौतम ने विज्ञान दिवस के लक्ष्य को प्रतिरूपित करते हुए कहा कि भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना है जिससे आत्मनिर्भरता एवं सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा/ अंकित राय ने कहा कि हमारी भारतीय तकनीक हर दृष्टि में उत्तम थी ।

अपने भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान कड़ाद से कलाम तक है। विशिष्ट अतिथि प्रो पी के खरे ने प्रकृति के संबंध में रीसाइकलिंग पर जोर दिया। उहोंने पांच तत्व के विषय में बताया कि जीवन शैली विदेशी होती जा रही है। विचार धारा में बदलाव आ रहा है राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति पर जोर देते हुए कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति बहुत अच्छी थी, लेकिन अंग्रेजों ने एजुकेशन पद्धति को बदलकर शिक्षा पद्धति को बदल दिया। हमारी मूल संस्कृत में बदलाव आया। कहा कि भारत को सेल्फ रिलायंस होना आवश्यक है।प्राचीन विज्ञान पहले से विकसित था ।
मुख्य अतिथि प्रो एस पी गौतम ने धर्म में भी विज्ञान को देखने पर जोर दिया।पंचतत्व पर जोर दिया एवं भगवान को पंचतत्व ही बताया ।ऊर्जा ही सारे पंचतत्व की धूरी है ऊर्जा नश्वर है एक फार्म से दूसरे फॉर्म तक चलती है श्रीमद् भागवत गीता के कई श्लोक का उच्चारण करते हुए डॉ गौतम ने बताया कि सब कुछ ऊर्जा ही है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि देश के विकास में विज्ञान पर जोर दिया श्रीमद् भागवत गीता में परमाणु का जिक्र आया है। समापन कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं में मेडल एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए जिसमें निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार वैदेही शुक्ला बीएससी तृतीय वर्ष हर्षित को द्वितीय एवं श्रद्धा गुप्ता बीएससी तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुए।विभिन्न वैज्ञानिक वर्किंग मॉडल वर्किंग मॉडल में प्रथम पुरस्कार भारती त्रिपाठी समूह को मिला आपने चंद्रयान 3 प्रयोग का सफल प्रतिरूपण किया है ।

द्वितीय पुरस्कार हीमोडायलिसिस मॉडल पर आकांक्षा त्रिपाठी समूह को दिया गया ।तृतीय पुरस्कार श्रद्धा समूह को प्राप्त हुए।रंगोली समूह में प्रथम पुरस्कार बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा आकांक्षा समूह को मिला। द्वितीय पुरस्कार एमएससी फर्स्ट ईयर समूह के रूबी देवी समूह को मिला तृतीय पुरस्कार निशा द्विवेदी समूह को प्राप्त हुआ। डॉ रवि चौरे ने आभार प्रदर्शन कर किया।