Kolkata Rape Case: पॉलिग्राफ टेस्ट से CBI को काफी उम्मीदें

नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की जघन्य वारदात की गुत्थी सुलझ नहीं पा रही है। कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच 13 अगस्त को अपने हाथों में ली थी। लेकिन अब तक गिरफ्तारी के मामले में सीबीआई उतना ही आगे बढ़ सकी है, जितना की वारदात होने के अगले दिन 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। 14 दिन बाद भी सीबीआई अकेले गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय के अलावा अन्य किसी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी है। जबकि इस जघन्य हत्याकांड में एक से अधिक लोगों के होने का शक है।

मुख्य आरोपी समेत सातों के हुए पॉलिग्राफ टेस्ट

सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा छह प्राइम सस्पेक्टिड के पॉलिग्राफ टेस्ट कराए हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के अलावा वारदात की रात महिला डॉक्टर के साथ डिनर करने वाले चार डॉक्टर और इंटर्न के अलावा एक अन्य वालंटियर शामिल हैं। जिसकी दोस्ती संजय रॉय से बताई गई है। संदीप घोष और एक अन्य डॉक्टर का 26 अगस्त को भी पॉलिग्राफ कराया गया। इतने टेस्ट के बाद भी सीबीआई के हाथों अगली गिरफ्तारी के रूप में नतीजा जीरो है। खबर लिखे जाने तक सोमवार को दो लोगों के कराए गए पॉलिग्राफ में संदीप घोष का टेस्ट पूरा नहीं हो पाया था।

डीएनए रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक बयान नहीं

एक्सपर्ट का कहना है कि इस मामले में जब कोई सीसीटीवी फुटेज या अन्य किसी तरह का डायरेक्ट एविडेंस अभी तक नहीं मिला है तो आरोपी की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट ही गुनाहगार या गुनाहगारों तक पहुंचने का असली और सॉलिड सबूत होगा। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि जब 10 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था ऐसे में 17 दिनों बाद तक भी डीएनए रिपोर्ट क्यों नहीं आई। कहीं ऐसा तो नहीं कि डीएनए रिपोर्ट आ गई हो, लेकिन उसमें आरोपी का लिक्विड ही मृतका से मैच किया हो।

मृतका के नाखुनों में फंसे एक या अधिक आरोपियों के खून और स्किन के कतरे आरोपी संजय से मैच ना कर रहे हों। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है कि आरोपी संजय ने मृतका के साथ रेप तो किया हो, लेकिन उनके मरने के बाद शव से। डीएनए रिपोर्ट के आने या ना आने के बारे में सीबीआई आधिकारिक रूप से कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

पॉलिग्राफ टेस्ट से भी सीबीआई को काफी उम्मीदें

एक मुख्य आरोपी के अलावा छह संदिग्धों के कराए गए पॉलिग्राफ टेस्ट से सीबीआई को काफी उम्मीदें हैं। सीबीआई सूत्रों का भी कहना है कि उनके हाथ ‘पहले से अधिक’ कुछ लगा है। लेकिन जिस तरह से पॉलिग्राफ टेस्ट के बाद अभी तक कोई नई गिरफ्तारी और छापेमारी नजर नहीं आ रही है। उसे देखते हुए यही लग रहा है कि पॉलिग्राफ टेस्ट से सीबीआई को कुछ बड़ा हाथ नहीं लग पाया है। सूत्रों का कहना है कि वैसे इतना जरूर है कि इस टेस्ट से सीबीआई को ऐसे कुछ जवाब मिले हैं। जिन पर काम करना शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि इनसे इस केस की तह तक जाने के रूप में जल्द ही बड़ी कामयाबी हाथ लग सकती है।

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष गिरफ्तार किए जाएंगे?

पूर्व प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। सूत्रों को उम्मीद है कि जल्द ही मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई गिरफ्तार कर लेगी। क्योंकि, वारदात वाले दिन उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गई थी। फिर उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में एक एफआईआर हो गई है। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि पूर्व प्रिंसिपल की गिरफ्तारी होने में अब अधिक समय नहीं बचा है। जल्द ही सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। इनके अलावा संदिग्धों में और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं।

क्या सबूतों से भी छेड़छाड़ की गई?

इस मामले में सीबीआई इस बात को लेकर भी हैरान है कि लेडी डॉक्टर को इतनी बेरहमी से मारा गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता लगा कि पहले उनका मुंह दबाकर और गला घोंटकर उनकी हत्या की गई। उनके नाखुनों में ब्लड और स्किन के कतरे भी मिले हैं। ऐसे में जाहिर है कि उन्होंने अपने बचाव के लिए आरोपी या आरोपियों का काफी कड़ा विरोध भी किया होगा, वह चिल्लाई भी होंगी।

लेकिन केस हाथों में आने के बाद जब सीबीआई ने घटनास्थल की फोटो और मौका देखा तो वहां ऐसा लगा ही नहीं कि यहां इतनी खतरनाक वारदात को अंजाम दिया गया होगा। जिस गद्दे पर लेडी डॉक्टर का शव मिला उसकी चादर तक भी हिली नहीं मिली। घटनास्थल पर और भी कई चीजें ऐसे ही रखी थी, मानो जैसे कुछ हुआ ही ना हो। तो क्या वारदात को कहीं और अंजाम देकर शव यहां रखा गया या फिर वारदात के बाद घटनास्थल से सबूत मिटाने के लिए चादर बदलने के साथ ही अन्य छेड़छाड़ की गई।

अभी तक 100 लोगों से पूछताछ

मामले में सीबीआई अभी तक 100 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। अस्पताल के अंदर और बाहर जहां-जहां भी सीसीटीवी कैमरे लगे थे उन सभी की फुटेज चेक की गई। अस्पताल में रखे तमाम ड्यूटी रजिस्टर कब्जे में लिए गए। हर उस शख्स से पूछताछ की जा रही है जिसकी उस रात डयूटी थी। लेकिन सीबीआई को अभी तक ब्रेक थ्रू का इंतजार है। सीबीआई को लगता है कि यह जघन्य वारदात एक अकेले शख्स का काम नहीं हो सकती इसलिए सीबीआई पॉलिग्राफ टेस्ट के अलावा इतनी मैराथन तफ्तीश कर रही है।

सभी की क्यों नहीं कराई गई DNA जांच

मामले में मुख्य आरोपी के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा अन्य तमाम संदिग्धों के भी तो डीएनए सैंपल लेने चाहिए। क्योंकि, कोई भी आरोपी भले ही लाई डिटेक्टर टेस्ट को धोखा दे दे, लेकिन डीएनए टेस्ट को किसी भी सूरत में धोखा नहीं दिया जा सकता। अगर छह या इनसे अधिक संदिग्धों में से एक-दो या अधिक का डीएनए मृतक डॉक्टर के शव से उठाए गए नमूनों से मैच हो गए तो फिर यह केस तुरंत सॉल्व हो जाएगा।

सीबीआई को इस मामले में उन तमाम संदिग्धों के भी डीएनए सैंपल लेकर मृतका के शव से उठाए गए सैंपल से मिलान कराना चाहिए, जिस-जिस पर भी सीबीआई को शक है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे इमरजेंसी वाले मामलों में डीएनए रिपोर्ट भी जल्दी आ जाती है। लेकिन इस मामले में सीबीआई डीएनए रिपोर्ट के आने या ना आने के बारे में कोई खुलासा नहीं कर रही है।