इसरो ने उड़ाया खास गुब्बारा… ऐसे करेगा काम कि मिलेगी मौसम की जानकारी, इसके लिए क्यों चुनी गई एएमयू की छत
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के नाम गुरुवार को एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के नाम गुरुवार को एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग में उत्तर भारत का पहला मौसम गुब्बारा लॉन्च किया, जिसे भूगोल विभाग की छत से छोड़ा गया।35 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होकर गुब्बारा 100 किलोमीटर के दायरे में मौसम का पूर्वानुमान बताएगा। खास बात यह भी है कि शाम पांच बजे तक गुब्बारे ने 32 किमी की उड़ान भर ली थी। डाटा भी भेजना शुरू कर दिया था। एएमयू कुलपति प्रो. नईमा खातून ने इसे यूनिवर्सिटी के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है।
अलीगढ़ में गुब्बारे को छोड़ने का कारण
मौसम विभाग के लिए दिल्ली एनसीआर महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सर्दियों के दिनों में सबसे अधिक धुंध इसी क्षेत्र में रहती है। इसके पीछे पराली जलाने आदि को जिम्मेदार ठहराया जाता है। दीपावली पर भी एनसीआर में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग में उत्तर भारत का पहला मौसम गुब्बारा लॉन्च किया, जिसे भूगोल विभाग की छत से छोड़ा गया। 35 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होकर गुब्बारा 100 किलोमीटर के दायरे में मौसम का पूर्वानुमान बताएगा। खास बात यह भी है कि शाम पांच बजे तक गुब्बारे ने 32 किमी की उड़ान भर ली थी। डाटा भी भेजना शुरू कर दिया था।
एएमयू कुलपति प्रो. नईमा खातून ने इसे यूनिवर्सिटी के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है।मौसम विभाग के लिए दिल्ली एनसीआर महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सर्दियों के दिनों में सबसे अधिक धुंध इसी क्षेत्र में रहती है। इसके पीछे पराली जलाने आदि को जिम्मेदार ठहराया जाता है। दीपावली पर भी एनसीआर में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है।
अलीगढ़ के आसमान में एयर ट्रैफिक कम है। दिल्ली की तरह यहां हवाई जहाज ज्यादा नहीं उड़ते। इस कारण डाटा कलेक्ट करने में गुब्बारे में लगे सेंसर को दिक्कत नहीं होगी। इसके चलते ही इसरो ने एएमयू को चयन किया है। इसके लिए दोनों के बीच करार हुआ है। इसरो ने छह माह पहले ही सेंसर, एंटीना, हीलियम गैस भरे सिलेंडर, रिसीवर, सुपर कंप्यूटर आदि सामान भेज दिया था।
भूगोल विभाग के प्रो. अतीक अहमद ने बताया कि गुब्बारे गुरुवार दोपहर तीन बजे सफलतापूर्वक छोड़ा गया। लॉन्च करते समय इसका व्यास दो से तीन मीटर होगा। ऊपर जाकर यह 10 मीटर व्यास का हो जाएगा। एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने इसके लिए दो से तीन बजे का समय दिया था।