नैमिषारण्य/सीतापुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं धार्मिक हूं, क्योंकि मुझे देश के लिए काम करना है। धर्म केवल उपासना विधि नहीं है, धर्म शाश्वत व्यवस्था है। विश्व में मानवता को बचाना है तो सनातन धर्म को बचाना होगा। धर्म साधना है। षणमुखानंद महाराज ने साधना की, जिसका प्रतिफल हमें श्री राज राजेश्वरी मंदिर के रूप में मिला है।
मुख्यमंत्री बुधवार को नैमिष स्थित राज राजेश्वरी मंदिर में देवी की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए। इसी दौरान उन्होंने गोपुरम द्वार का भी उद्घाटन किया। कहा कि नैमिष के महत्व को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
काशी में भी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप दिया गया। अयोध्या में पांच सदी के बाद अवसर आया कि श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई। हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि हमने मंदिर में रामलला को विराजमान होते देखा। नैमिष का पुरातन स्वरूप स्थापित होते ही बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। अयोध्या के व्यापारी कहते हैं कि हमारा बिजनेस 30 गुना बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सबका सौभाग्य है कि इस पावन धरा पर दक्षिण भारत के अति महत्वपूर्ण श्रीश्री राज राजेश्वरी मंदिर की स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। नैमिष की महिमा अपरंपार है। 88 हजार ऋषियों ने यहां साधना की थी। चक्रतीर्थ भी यहीं है और मां ललिता देवी का धाम भी। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर भी मौजूद रहे।