अपहरण व रंगदारी के मामले में वादी व दूसरे गवाह के मुकरने बाद भी कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने पत्रावलियों में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषी ठहराया। उधर, दोष सिद्ध होने पर पूर्व सांसद ने कहा मुझे फंसाया गया है।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह को अपहरण व रंगदारी के मामले में दोषी ठहराया गया। यह आदेश तब भी सुनाया गया जब वादी व दूसरा गवाह मुकर गया। ऐसे में कोर्ट ने पत्रावलियों में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषी ठहराया। कोर्ट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने न्यायाधीश से कहा कि मैं निर्दोष हूं मुझे गलत ढंग से फंसाया गया है। मेरी राजनीतिक छवि धूमिल की जा रही है।
सरकारी अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने पत्रकारों को बताया कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह मंगलवार को तीन बजे कोर्ट में उपस्थित हुए। इसमें कोर्ट के समक्ष अपहरण व रंगदारी के मामले में दोष सिद्ध हुए। अभिनव सिंघल नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर थे जो मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया था।
बाद में वादी अभिनव सिंघल कोर्ट में अपने बयान से मुकर गए तथा दूसरा गवाह भी अपने बयान से मुकर गया था लेकिन कोर्ट ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोष सिद्ध ठहराया।
पक्ष द्रोही घोषित हो गए थे वादी मुकदमा व दूसरा गवाह
वादी मुकदमा अभिनव सिंघल कोर्ट में घटना से मुकर गए थे तथा दूसरा गवाह भी घटना से मुकर गया था। कोर्ट ने हवाला दिया कि सभी बातें जो पत्रावली में उपलब्ध थीं उसे लिख दी गई हैं उसे देख कर ही दोष सिद्ध ठहराया गया है।