स्वास्थ्य और योग एक दूसरे के पूरक-महंत श्री राम जी दास

ग्रामोदय महोत्सव का शुभारंभ:स्वास्थ्य और योग एक दूसरे के पूरक

अध्यक्षता कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने की। दोनो दिन राष्ट्रीय स्तर के विषय विशेषज्ञ योग की भूमिका पर सैद्धांतिक और व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने के लिए मौजूद रहेंगे। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं संतोषी अखाड़ा के महंत श्रीराम जी दास ने कहा कि स्वास्थ्य और योग एक दूसरे के पूरक हैं।

योग से शरीर बनता है तथा योग से जीवन प्रारंभ होता है। स्वास्थ्य संवर्धन में योग की भूमिका को रेखांकित करते हुए महंत श्रीराम जी दास ने भौतिकता और आध्यात्मिकता को जोड़कर अपनी बात रखी। उन्होंने संत तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस की चौपाइयों के उदाहरण के माध्यम से स्वास्थ्य और योग के महत्व को प्रतिपादित किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भरत मिश्रा ने भारत को विश्व का गुरु बताते हुए कहा कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए नियमित योगाभ्यास की आवश्यकता है। उन्होंने सुव्यवस्थित खान पान आहार पर जोर देते हुए बताया कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति भारत रत्न राष्ट्रीय ऋषि नानाजी देशमुख ने आजीवन आरोग्य का मंत्र दिया था। उन्होंने स्वास्थ्य परायण प्रकल्प, आरोग्य धाम और दादी मां के बटुआ प्रकल्प के माध्यम से निरोगी काया की दिशा में किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर किया गया ।तत्पश्चात आयोजक मंडल के सदस्यों ने शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह में भेट कर अतिथियों का स्वागत किया। राष्ट्रीय कार्यशाला के संयोजक एवम विभागाध्यक्ष डॉ नीलम चौरे ने विषय प्रस्तुति की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो आईपी त्रिपाठी अधिष्ठाता विज्ञान, प्रो डीपी राय अधिष्ठाता कृषि, प्रो यस के त्रिपाठी अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो आर पी बाजपेई अधिष्ठाता कला, डॉ तुषार कांत शास्त्री मौजूद रहे। सत्र संचालन विभागाध्यक्ष डॉ ललित कुमार सिंह ने किया।धन्यवाद ज्ञापन खेल अधिकारी डॉ वी के सिंह ने किया। 8 एवं 9 फरवरी को संपन्न इस कार्यशाला के विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित किया जा रहे है। ए के एस यूनिवर्सिटी सतना और ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित योग पाठ्यक्रम के विद्यार्थी एवं शिक्षक बड़ी संख्या में कार्यशाला में सहभागिता कर रहे हैं।
अन्य कार्यक्रमों में खेल प्रतियोगिताएं खेल परिसर में हुई। छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के क्रम में विवेकानंद सभागार में एकल एवं समूह गायन प्रतियोगिता हुई। इसी प्रकार ललित कला की प्रतियोगिताएं व्यवसायिक कला विभाग में संपन्न हुई।