अभी गणेश चतुर्थी के चलते 16 सितंबर को बेंगलुरु में भगवान गणेश की मूर्ति को बंदी बना कर अपनी ताकत दिखाते हुए अपने मुस्लिम वोटरों को खुश करने के लिए पुलिस वैन में ले गई थी सिद्धारमैया की पुलिस
एक हफ़्ते बाद ही नतीजा मिल गया और आज कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस नागाप्रसन्ना ने राज्यपाल द्वारा MUDA घोटाले में सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने के आदेश को सही माना और उसके खिलाफ सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी – जस्टिस नागाप्रसन्ना ने कहा कि गवर्नर के आदेश में कोई application of mind की कमी नहीं है – जो याचिका सिद्धारमैया ने दायर की है, उसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि MUDA की कार्रवाई के लाभार्थी सिद्धारमैया की परिवार के थे और कोई भी परिवार के बाहर का नहीं था
कर्नाटक को कंगाल बना कर सिद्धारमैया तुष्टिकरण पर पूरी लगन के साथ काम कर रहा है – राज्य में पहले हिज़ाब की अनुमति देकर स्कूलों मे भेदभाव कर दिया और अभी स्कूलों में उर्दू को अनिवार्य कर दिया है – लेकिन खज़ाना खाली है सरकार का
MUDA (Mysore Urban Development Authority) ने सिद्धारमैया की पत्नी B M Parvathi की 3.16 एकड़ अधिग्रहण की गई आधी भूमि के बदले उसे 50% Developed Sites आबंटित की और यह घोटाला करीब 4000 करोड़ का था – उन्हें ये 14 Sites विजयनगर में 2022 में दी गई – यह स्कीम 2020 में लागू की गई थी जिसे सिद्धारमैया ने 2023 में बंद कर दिया जाहिर है लाभ लेने के बाद
जब 17 अगस्त को राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी तब राज्य कांग्रेस के नेता D’Souza ने राज्यपाल को धमकी देते हुए कहा था कि या तो सिद्धारमैया के खिलाफ ऑर्डर वापस लो वरना बांग्लादेश जैसे हालात भुगतने के लिए तैयार रहो – अब तो लगता है कांग्रेस को राज्यपाल और जस्टिस नागा प्रसन्ना दोनों के खिलाफ “बांग्लादेश” दोहराना पड़ेगा
अब सिद्धारमैया इस हाई कोर्ट की single judge bench के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे – अभी भी शायद भगवान का दिया हुआ दंड समझ नहीं आएगा