एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए सत्र 2025-2026 के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा है कि कुछ मेडिकल संस्थान काफी समय से मनमानी कर रहे हैं। निरीक्षण के समय नकली रोगियों को भर्ती करते हैं। बावजूद इसके इन्हें वार्ड में भर्ती किया जाता है और दस्तावेज पर मरीजों की संख्या में जोड़ा जाता है।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मान्यता देने से पहले कॉलेजों में नकली मरीजों की जांच का फैसला लिया है। अगर जांचकर्ता ने अपनी टिप्पणी में नकली मरीजों की पुष्टि की तो इसे गंभीर उल्लंघन की श्रेणी में रखा जाएगा और कॉलेज के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, कॉलेजों की वित्तीय स्थिति की भी जांच की जाएगी।
एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए सत्र 2025-2026 के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा है कि कुछ मेडिकल संस्थान काफी समय से मनमानी कर रहे हैं। निरीक्षण के समय नकली रोगियों को भर्ती करते हैं। बावजूद इसके इन्हें वार्ड में भर्ती किया जाता है और दस्तावेज पर मरीजों की संख्या में जोड़ा जाता है।
एनएमसी ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों की स्थापना, मूल्यांकन और रेटिंग विनिमय 2023 अधिनियम के तहत इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। एनएमसी के सचिव डॉ. बी श्रीनिवास ने मेडिकल कॉलेजों के लिए जारी आदेश में कहा कि आगामी चार जनवरी 2025 तक नए संस्थानों की मान्यता देने की प्रक्रिया जारी रहेगी। हालांकि, आवेदन से पहले चिकित्सा के मूल्यांकन के लिए जारी दिशा-निर्देश पर ध्यान देना जरूरी है, जिसमें गहनता से जांच को अनिवार्य किया है।
दंडात्मक कार्रवाई या लगाया जा सकता है प्रतिबंध
दिशा-निर्देश में साफ तौर पर कहा है कि बिना निदान या जरूरी चिकित्सा जांच के अगर किसी मरीज को सीधे भर्ती किया जाता है तो उसकी चिकित्सा स्थिति के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। अगर चिकित्सीय तौर पर उस मरीज की स्थिति भर्ती लायक साबित नहीं होती है तो कॉलेज के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई या फिर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया जा सकता है।
निरीक्षण करने वालों के लिए भी नियम
एनएमसी ने निरीक्षण करने वालों के लिए भी नियम बनाया है। इसके तहत निरीक्षण के वक्त हाल फिलहाल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों की जांच की जाएगी। यह देखा जाएगा कि क्या इन रोगियों का उपचार ओपीडी में भी किया जा सकता था? इसी तरह बाल चिकित्सा वार्ड में भर्ती किए ज्यादातर बच्चे खुश हैं और खेलकूद रहे हैं तो उससे साफ पता चलता है कि इन्हें जबरन अस्पताल में रोका गया है। वहीं, एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्य अस्पताल में भर्ती होने पर भी संदेह हो सकता है। यदि मूल्यांकनकर्ता को नकली मरीज मिलते हैं तो उन्हें तय फॉर्मेट में पूरी जानकारी दर्ज कराने के लिए कहा है। इसके बाद एनएमसी आगे की कार्रवाई करेगा।
अतिरिक्त सीटों के लिए सरकारी कॉलेज निरीक्षण से बाहर
एनएमसी ने फैसला लिया है कि अतिरिक्त सीटों का आवेदन करने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेजों को निरीक्षण से बाहर रखा जाएगा। जिन सरकारी कॉलेजों के पास पहले से पीजी चिकित्सा सीट की मान्यता है और वह अतिरिक्त सीट के लिए आवेदन कर रहे हैं तो उन्हें स्व-घोषणा पत्र दाखिल करना होगा, जिसके विश्लेषण के आधार पर सीटों को भौतिक निरीक्षण से छूट दी जा सकती है। हालांकि, स्नातक सीटों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा।
Like this:
Like Loading...