लिव इन रिलेशनशिप के एक मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा, पति-पत्नी की तरह लिव इन रिलेशनशिप में रहने पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा चलाया जा सकता है. हाईकोर्ट ने कहा दहेज हत्या के लिए पति पत्नी की तरह रहना ही पर्याप्त आधार है. आदर्श यादव की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया.
दहेज उत्पीड़न का आरोप
दरअसल आदर्श यादव की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याची पर प्रयागराज के कोतवाली में दहेज उत्पीड़न के आरोप में मुकदमा दर्ज है. लिव इन में रहने वाली प्रेमिका का दहेज के लिए उत्पीड़न का आरोप है. प्रेमी के उत्पीड़न से तंग आकर प्रेमिका ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. आरोपी ने अपराध से छुटकारा देने की याचिका दाखिल की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
याची ने दी पति न होने की दलील
याची की तरफ से कहा गया कि वह उसका पति नहीं था, इसलिए दहेज उत्पीड़न का मुकदमा उस पर नहीं चलाया जा सकता है. सरकारी वकील ने कहा मृतिका की शादी आरोपी से कोर्ट के जरिए हुई थी. याची मृतिका को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था. जिसके चलते पीड़िता ने आत्महत्या कर ली.