नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एमसीडी और डीडीए को आग से सुरक्षा के मानदंडों का उल्लंघन कर चल रहे कोचिंग सेंटरों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया. जस्टिस यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहले वकीलों की एक टीम को मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटरों की जांच का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कोचिंग परिसर के बाहर लगाए गए बिजली के उपकरणों को फिर से नई जगह लगाने के लिए भी कहा, जो जनता के लिए संभावित रूप से खतरनाक हो सकते हैं. यह आदेश इलाके में कोचिंग सेंटरों के संचालन पर दायर की गई कई याचिकाओं पर आया.
जिसमें जून 2023 में एक कोचिंग में आग लगने की घटना का संज्ञान लेने के बाद हाईकोर्ट ने खुद मामला दर्ज किया था. न्याय मित्र गौतम नारायण ने हाईकोर्ट को बताया कि अप्रैल में दो मौकों पर जांच की गई थी. इससे पता चला कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने जिन कुछ कोचिंग सेंटरों को बंद करने का दावा किया था, वे अभी भी एक नए प्रबंधन या नए नाम के तहत काम कर रहे थे. नारायण ने कहा कि ये परिसर आग से सुरक्षा की जरूरतों का पालन नहीं कर रहे थे. एक मामले में तो एक कोचिंग के दरवाजे पर ही एक बिजली बोर्ड लगा पाया गया था. जो आग लगने की हालात में रास्ता रोक देता था.
अदालत ने आग की सुरक्षा के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों को बंद करने के अपने पहले के निर्देश के बावजूद ऐसे कोचिंग सेंटरों पर ध्यान देने में विफल रहने के लिए एमसीडी की खिंचाई की. हाईकोर्ट ने उन्हें तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने पहले भी कहा था कि आग से सुरक्षा बहुत जरूरी है.
सभी कोचिंग सेंटरों को दिल्ली मास्टर प्लान, 2021 और अन्य लागू नियमों के तहत अपनी वैधानिक जरूरतों का पालन करना होगा या बंद होने का सामना करना पड़ेगा. पिछले साल हाईकोर्ट ने जून में मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया था. जिसके दौरान छात्रों को रस्सियों का उपयोग करके इमारत से नीचे उतरते देखा गया था.