दिल्ली हाईकोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप नहीं कर सकते है, तो हम CBI को मामला सौंप देंगे. यह बहुत गंभीर मामला है. बच्चों और युवाओं की सेहत पर असर कर रहा है. दिल्ली के मुख्य सचिव ने कह वह मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करेंगे.
नई दिल्ली. दिल्ली की डेयरियों में पशुओं की दयनीय हालत पर हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को फटकार लगाई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आपके अधिकारी जमीन पर जाए बिना रिपोर्ट देते हैं और आपके अधिकारी कुछ नहीं करते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि आपको खुद जमीन पर जाना चाहिए आपकों पता चलेगा कि आपके अधिकारी जो कह रहे है और जो जमीनी हकीकत हैं. उसमें कितना अंतर है अगर आप जमीन पर जाएंगे तो आपके अधिकारियों में भी मैसेज जाएगा और वह भी नियामित विजिट करेंगे.
दिल्ली के मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में कहा कि भलास्वा डेयरी 65 एकड़ और गाजीपुर डेयरी 205 एकड़ एरिया है. हमने ऑथारिटी से बात की थी और उन्होंने कहा है कि उसको स्थानांतरित करना बहुत मुश्किल है. दिल्ली के मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में कहा, हमारा सुझाव है कि भलस्वा और गाजीपुर लैंड फील साइट को पूरी तरह खत्म करने पर जोर देना चाहिए. हमको उम्मीद है कि हम भलस्वा और गाजीपुर लैंड फील साइट को डेढ़ साल में पूरी तरह से खत्म कर देंगे. बीते एक साल 50 लाख टन और बीती 5 साल में 90 टन कूड़े को वहां से हटाया गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि गोगा डेयरी के पास जमीन है लेकिन वहां पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है. वहां डेयरी की ज़मीन पर लोग पक्का मकान बना रहे है. उसको रोकना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में डेयरी से जुड़ी जमीन पर कितने अधिकारी गए डेयरी में कितने जानवर है, गाजीपुर डेयरी में कितने जानवर है. मुख्य सचिव ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि गोगा डेयरी के पास खाली जमीन पर किसी तरह का कब्जा नहीं होगा. मुख्य सचिव ने कहा कि दिल्ली की डेयरी पर कुल 50 हजार जानवर है और 321 गैर कानूनी डेयरी को पिछले साल सील किया गया था. गैर कानूनी डेयरी में कितने जानवर है उनका कोई डाटा उपलब्ध नहीं है
कोर्ट ने पूछा, कितने लाइसेंस जारी किए गए
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कितने लाइसेंस जारी किए गए. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. पिछली दो सुनवाई से डाटा मांग रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आप मदनपुर खादर डेयरी जाइए. आपको पता चलेगा कि जो आपके अधिकारी जो कह रहे हैं उसमें और हकीकत में कितना अंतर है. क्या आप अपने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो बिना जमीन पर रिपोर्ट देते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा डेयरी में जानवरों के लिए कोई मेडिकल सुविधा नहीं है. वहां पर अंदर किसी को जानें कि इजाज़त नहीं है साफ सफाई भी नहीं होते है.
अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं- कोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि आपके अधिकारी कुछ नहीं कर रहें है. मामला कोर्ट में आने से पहले आपके अधिकारियों ने कुछ नहीं किया. मामला कोर्ट में लंबित है. इसलिए आपके अधिकरी कुछ नहीं कर रहे है आप अपने अधिकारियों को कहिए वह काम करें. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि जानवरों पर ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल को लेकर कार्रवाई की गई है. लाइसेंस भी रद्द किए गए है और मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं.