सतना: नवरात्रि में ही नहीं, हर मौसम में सेब की डिमांड रहती है. हेल्दी रहने के लिए कई लोग रोज एप्पल खाते हैं. डॉक्टर भी रोज सेब खाने की सलाह देते हैं. लेकिन, इन दिनों में केले की तरह सेब में भी खेल होने की शिकायतें सामने आ रही हैं. कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि हरे सेब को लाल करने के लिए उन रंग लगाया जाता है. इस सच्चाई का पता लगाने के लिए लोकल 18 की टीम ने सतना के बड़े फल व्यापारी से बातचीत की.
मध्य प्रदेश की सतना कृषि उपज मंडी के होलसेल फ्रूट विक्रेता बब्बन सेवकराम अवथ्वानी ने बताया कि सेब का रंग बदलने के लिए पेड़ों में रासायनिक तत्वों का छिड़काव किया जाता है, ताकि सेब का साइज बड़ा हो और वह तेजी से लाल हो. उन्होंने बताया कि सेब को खाने से पहले अच्छे से धोना और छीलना जरूरी है. उसकी लेयर हटाकर ही सेब खाना चाहिए. बताया कि बाहर से आने वाले सेबों को चमकाने के लिए पॉलिश या वैक्सिंग की जाती है, जो सेहत के लिए हानिकारक है.
सेब को ऐसे बिल्कुल न खाएं
बब्बन ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया खाद डालने की तरह होती है, जिसमें पेड़ों में केमिकल का छिड़काव किया जाता है, ताकि सेब लाल और पके दिखें. इस प्रक्रिया का उद्देश्य सेब को आकर्षक बनाना है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि यदि आप सेब को बिना धोए या छीले हुए खाते हैं, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.