वास्तविक सामाजिक न्याय के लिए देश के राज्यों की अनुसूचित जाति एवं जनजाति की सूची वर्गीकरण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है। आरक्षण से वंचित लोगों को अब इस फैसले का लाभ मिलेगा।
देश में वंचितों का सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले समाज सेवी चंदन लाल वाल्मीकि राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष वंचित शोषित सामाजिक संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ महादलित परिसंघ ने कहा जिस प्रकार पंजाब राज्य में आरक्षण ए और बी श्रेणी में है इस वजह से पंजाब के वाल्मीकियों को अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक नौकरी के अवसर मिले।
वहीं दूसरे राज्यों में अनूसूचित जाति एवं जनजाति की सूची के वर्गीकरण न होने से आरक्षण के लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ता था। सुप्रीम कोर्ट को इस विषय को ले जाने के बाद लगातार न्याय की गुहार लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट डॉ. ओपी शुक्ला, पटना हाई कोर्ट के एडवोकेट, दिल्ली से समाजिक कार्यकर्ता एस.पी.राय, हरियाणा के प्रो. विजय कायत, के सराहनीय प्रयास रहे।
श्री वाल्मीकि ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वे सभी जातियां खुश होंगी जिन उपेक्षित जातियों को देश की आजादी के 75 वर्ष होने पर भी आरक्षण का लाभ नहीं मिला।और उन लोगों को जरूर पेट में दर्द होगा जिन जातियों के लोगों ने अभी तक आरक्षण पर कब्जा कर रखा था।चंदन लाल वाल्मीकि ने कहा कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर सदैव आरक्षण के वर्गीकरण के पक्ष में थे।
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।चन्दन लाल वाल्मीकि ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्व की राजनाथ सिंह की सरकार ने भी आरक्षण के वर्गीकरण किया था। बाद में मायावती की सरकार आने पर इस आरक्षण के वर्गीकरण के फैसले को बदल दिया।
उत्तर प्रदेश में जब भारतीय जनता की पार्टी ने अनूसूचित जाति एवं जनजाति की सूची में वर्गीकरण होने से वाल्मीकि समाज और अन्य उपेक्षित जातियों के लोगों को नौकरियों में अवसर मिलने लगे थे।चंदन लाल वाल्मीकि ने कहा कि वंचित शोषित सामाजिक संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ महादलित परिसंघ के साथी देश के प्रत्येक राज्य में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू करने के लिए राज्य सरकारों से वार्ता कर अमल करानी होगी।