पूजा के समय सिर ढकना चाहिए या नहीं। ..? शास्त्र क्या कहते है..?आप भी अपने विचार रखे……

    एक कुप्रथा आजकल चल पड़ी है कि पूजन आरंभ होते हीं रुमाल निकाल कर सर पर रख लेते हैं, और कर्मकांड के लोग भी नहीं मना करते । जबकि पूजा में सिर ढकने को शास्त्र निषेध करता है।         शौच के समय ही सिर ढकने को कहा गया है। प्रणाम करते…

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परिवार में बढ़ रहे मतभेद और कलह कैसे दूर करें,बता रहे है ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांड विशेषज्ञ पं.वेद प्रकाश शुक्ल

शनिदेव यदि कुंडली के तृतीय, षष्ठ और एकादश भाव में आसीन हों, तो अपनी दशा में हानि नहीं, लाभ का कारक बनते हैं। ऐसे में, शनि से संबंधित कर्म अपार धन, संपत्ति व सफलता का कारक बनते हैं। तेल, चमड़े, लोहे, स्टील, मशीनरी, सर्विसिंग, कोयले, खनिज क्षेत्र में बड़ी सफ़लता देते हैं। इसे आजमाएं यदि…

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सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ कल, दिल्ली-जानें कब निकलेगा चांद,देखें सही समय …

    वैदिक पंचांग के मुताबिक हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ पर चतुर्थी तिथि 20 अक्तूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 21 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी।…

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शारदीय नवरात्रि पर विशेषआश्विन माह की शारदीय नवरात्रि

       इस वर्ष मां आदिशक्ति भगवती दुर्गा की शारदीय  नवरात्रि   क्वार माह के  उजाले पक्ष प्रथम दिन के साथ 3 अक्टूबर  को पिंगल संवत्सर के साथ शुरू हो रही है तदनुसार विक्रम संवत 2081 शक संवत 1945 और कलि संवत 5126श्री कृष्ण संवत 5250  कलयुग  संवत  432000 द्वापर संवत 864000  त्रेता संवत 17…

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गृह वास्तु दोष,शरीर व्याधि निवारण एवं वातावरण में शुद्धि के लिए करें हवन.ब्रह्माण्ड में स्थित सकारात्मक ऊर्जाओं का बढ़ जाता है प्रवाह,

आदिकाल से ही सनातन संस्कृति में सुख-सौभाग्य के लिए हवन-यज्ञ की परंपरा रही है। औषधीय युक्त हवन सामग्री से हवन-यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होगा, वहीं वायरस का संक्रमण भी नष्ट हो जाएगा। अनेक वैज्ञानिकों एवं धर्मगुरुओं ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए एवं वातावरण की शुद्धि के लिए हवन यज्ञ का अद्भुत…

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पितृपक्ष एवं पितृ विसर्जन विशेष

    सनातन धर्म अद्भुत अलौकिक और ईश्वर द्वारा चलाया गया धर्म है जिसे अनेक महापुरुषों ने समय-समय पर गतिशील किया है इस समस्त संसार में जो मुस्लिम क्रिश्चियन और यहूदी नहीं है वह सभी सनातन धर्म में आ जाते हैं चाहे वह नास्तिक ही क्यों ना हो क्योंकि भारत में चार्वाक नाम के महान…

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जन्म दिन विशेष :ओए भगतां, ओए मेरे शेरा, धन्य है तेरी मां, जिसने तुझे जन्म दिया

भगतसिंह की बैरक की साफ-सफाई करने वाले का नाम बोघा था। भगत सिंह उसको बेबे (मां) कहकर बुलाते थे। जब कोई पूछता कि भगत सिंह ये बोघा तेरी बेबे कैसे हुआ? तब भगत सिंह कहते, मेरा मल-मूत्र या तो मेरी बेबे ने उठाया, या इस भले पुरूष बोघे ने। बोघे में मैं अपनी बेबे (मां)…

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ब्रह्म कपाली में  पिंडदान के बाद पिंडदान या श्राद्ध कर्म करने की आवश्यकता नहीं होती, जानिए क्यों

ब्रह्म कपाली में  पिंडदान के बाद पिंडदान या श्राद्ध कर्म करने की आवश्यकता नहीं होती, जानिए क्यों। ब्रह्म कपाली में पिंडदान कब किया जाए।      वैसे तो बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से लेकर बंद होने तक यहां पर पिंडदान का महत्व है। लेकिन, पितृपक्ष के दौरान यहां किए जाने वाले पिंडदान व तर्पण…

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कृष्ण देवत्व की एक अवस्था है…देवताओं की श्रृंखला में इकलौते ,धरती ही नहीं,देवलोक में भी सबसे दुर्लभ और प्रासंगिक हैं कृष्ण

    श्री कृष्ण की गीता का मुकाबला दुनिया की कोई किताब नहीं करती. गोवर्धन गिरधारी, कुशल रणनीतिकार थे. कृष्ण हुए तो अतीत में, लेकिन हैं भविष्य के. कृष्ण हर परिस्थिति में अकेले नाचते दिखते हैं. कृष्ण देवत्व की एक अवस्था है. कृष्ण के लिए शरीर एक आवरण मात्र है. उन्हीं कृष्ण का आज जन्मोत्सव…

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90 साल बाद सावन के अंतिम सोमवार पर ग्रहों का अद्भुत महासंयोग, हर मनोकामना होगी पूरी

     सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व माना जाता है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. सावन के चार सोमवार बीत चुके है और पांचवा और अंतिम सोमवार आने वाला है. सावन के अंतिम सोमवार पर ग्रह, नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है. जो सावन के अंतिम सोमवार…

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