11 मई/इतिहास स्मृति: जब बुद्ध फिर मुस्कुराए ….विशेष राष्ट्रवादी लेख इसे अवश्य पढ़े

     भारत की वैज्ञानिक प्रगति के इतिहास में 11 मई, 1998 का बड़ा महत्व है। उस दिन पोखरण में दूसरी बार परमाणु विस्फोट किया गया था। इससे पहले 18 मई, 1974 को जैसलमेर के पास एक सूखे कुंए में पहला विस्फोट हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा होने से इसका कूट नाम ‘बुद्ध मुस्कुराए’ था। तब…

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अक्षय तृतीया का महापर्व एवं भगवान परशुराम

      अक्षय तृतीया का महापर्व वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष तृतीया में मनाया जाता है इसकी तिथि में किए गए पुण्य कार्यों का कभी क्षय नहीं होता है इसलिए इसका नाम अक्षय तृतीया पड़ा है इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है होली दीपावली दशहरा और रक्षाबंधन की तरह इसलिए इस दिन कोई…

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राशिफल,9 मई 2024: मिथुन, तुला, धनु राशि वालों को मिलेंगे लाभ के कई अवसर,अन्य राशियों पर क्या होगा प्रभाव बता रहे है ज्योतिषविद रामाज्ञा दुबे

आज का राशिफल 9 मई दिन गुरुवार को चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे, जहां पहले से गुरु ग्रह विराजमान रहने वाले हैं। चंद्रमा उच्च राशि में होने की वजह से शशि योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही आज शोभन योग और कृतिका नक्षत्र का प्रभाव बना रहेगा। ग्रह-नक्षत्रों के इस…

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काबा:यह क्षेत्र तो हिंसा से रहित है, क्योंकि यहां वेदो का कानून चलता है…एक अनूठी जानकारी के लिए एक बार अवश्य पढ़े

काबा में आज भी चलता है वेदो का कानून      काबा जो बैलुल्लाह यानी अल्लाह का घर माना जाता है, उसका अति प्राचीन नाम मक्ख मेदिनी है और मक्ख मेदिनी का मतलब होता है यज्ञभूमि।       मक्का का काबा मंदिर वास्तव में काव्य शुक्र का मंदिर है।     काबा काव्य का…

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पुराने जमाने में एक राजा हुए थे, भर्तृहरि ,वे कवि भी थे…….उन्होंने वैराग्य पर 100 श्लोक लिखे

पुराने जमाने में एक राजा हुए थे, भर्तृहरि। वे कवि भी थे। उनकी पत्नी अत्यंत रूपवती थीं। भर्तृहरि ने स्त्री के सौंदर्य और उसके बिना जीवन के सूनेपन पर 100 श्लोक लिखे, जो श्रृंगार शतक के नाम से प्रसिद्ध हैं।       उन्हीं के राज्य में एक ब्राह्मण भी रहता था, जिसने अपनी नि:स्वार्थ…

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‘महल’ शब्द मुस्लिम शब्द नहीं है!अरब, ईरान, अफगानिस्तान आदि जगह पर एक भी ऐसी मस्जिद या कब्र नहीं है जिसके बाद महल लगाया गया हो..

इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।     अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ था।…

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1 मई/बलिदान दिवस:महान क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी……सादर नमन

      प्रफुल्ल का जन्म 10 दिसम्बर 1888 को उत्तरी बंगाल के बोगरा जिला (अब बांग्लादेश में स्थित) के बिहारी गाँव में हुआ था। जब प्रफुल्ल दो वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी माता ने अत्यन्त कठिनाई से प्रफुल्ल का पालन-पोषण किया। विद्यार्थी जीवन में ही प्रफुल्ल का…

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सोचकर ही अजीब लगता है कि  हम लोग अंग्रेजों के सैनिक बन कर,अपने ही लोगों पर अत्याचार करते थे बहुत सटीक व तार्किक विश्लेषण….

     कभी-कभी विचार आता है कि 1500 ई. के बाद के ब्रिटिश कितने साहसी और बुद्धिमान रहे होंगे, जिन्होंने   एक ठण्डे प्रदेश से निकलकर,  अनजान रास्ते और अनजान जगहों पर जाकर लोगों को गुलाम बनाया !अभी भी देखा जाए तो ब्रिटेन की जनसंख्या और क्षेत्रफल  गुजरात के बराबर है, लेकिन उन्होंने  दशकों नहीं शताब्दियों तक…

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मृत्यु सांसारिक कठिनाइयों से मुक्ति पाने का साधन नहीं बननी चाहिए-वीर शहीद भगतसिंह

नवम्बर, 1930 में क्रांतिकारी भगतसिंह द्वारा लाहौर की सेंट्रल जेल से बटुकेश्वर दत्त को लिखा गया पत्र :-      प्यारे भाई, मुझे सज़ा सुना दी गई है और फांसी का आदेश हुआ है। इन कोठरियों में मेरे अलावा भी बहुत से कैदी हैं, ये लोग यही प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह फांसी…

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अपराजेय योद्धा  बाजीराव बल्लाळ:एक ऐसा नाम जो चुभता है मुगलई इतिहासकारों को, चुभता है हिंदुत्व के विरुद्ध चाल कुचाल करने वाले अकादमिक एजेंडाबाजों को

   अपराजेय योद्धा  बाजीराव बल्लाळ को अधिकांश लोग मस्तानी से जोड़कर देखते हैं, यह हिंदू जाति के शौर्य को दलित दमित करने का रोमिलाई कुटिलता थी। इतिहास लिखते समय मैकाले के मानसपुत्रों ने अशोक और अकबर से भारत की पहचान जोड़ी। ऐसा इसलिए कि एक तो टॉक्सिक नव बौद्धों के जरिए जोशुआई विमर्श से मिले…

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