अपराजेय योद्धा  बाजीराव बल्लाळ:एक ऐसा नाम जो चुभता है मुगलई इतिहासकारों को, चुभता है हिंदुत्व के विरुद्ध चाल कुचाल करने वाले अकादमिक एजेंडाबाजों को

   अपराजेय योद्धा  बाजीराव बल्लाळ को अधिकांश लोग मस्तानी से जोड़कर देखते हैं, यह हिंदू जाति के शौर्य को दलित दमित करने का रोमिलाई कुटिलता थी। इतिहास लिखते समय मैकाले के मानसपुत्रों ने अशोक और अकबर से भारत की पहचान जोड़ी। ऐसा इसलिए कि एक तो टॉक्सिक नव बौद्धों के जरिए जोशुआई विमर्श से मिले…

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इतिहास के अनछुए पन्ने आखिर कौन थे ? सम्राट पृथ्वीराज चौहान

पुरा नाम :-          पृथ्वीराज चौहान अन्य नाम :-         राय पिथौरा माता/पिता :-       राजा सोमेश्वर चौहान/कमलादेवी पत्नी :-               संयोगिता जन्म :-               1149 ई. राज्याभिषेक :-     1169 ई. मृत्यु :-           …

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इसलिए राष्ट्रभाषा को कदापि नाक का सवाल मत बनाइये….विक्रम सिंह”विक्रम” की राष्ट्रवादी कविता का आनंद लें

राष्ट्रीय प्रतीक,फल फूल,वृक्ष, पशु,पक्षी सब तो स्वीकार है। फिर राष्ट्रभाषा हिन्दी होने से, आजतक भी क्यों इनकार है।। भारतवर्ष में २२ भाषाओं को, राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। हिंदी ज्यादातर में प्रचलित है, ज्यादा जनसंख्या में व्याप्त है।। सभी क्षेत्रीय भाषायें सम्मानित है। सभी भाषाओं का सम्मान है। पर औषत संपर्क भाषा हिंदी है, हिंदी…

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भगवान नटराज के पैरों के नीचे कौन दबा रहता है? बता रही है धार्मिक मामलो की जानकर मंजुलता शुक्ला

  हम सभी ने भगवान शिव के नटराज रूप को कई बार देखा है। किन्तु क्या आपने ध्यान दिया है कि नटराज की प्रतिमा के पैरों के नीचे एक दानव भी दबा रहता है..?  . आम तौर पर देखने से हमारा ध्यान उस राक्षस की ओर नहीं जाता किन्तु नटराज की मूर्ति के दाहिने पैर…

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हनुमान जयंती पर आज इस खास संयोग में करें पूजा, बन जाएंगे बिगड़े काम

  हिन्दू धर्म में संकटमोचन के नाम से प्रसिद्ध हनुमान जी का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार थे. इसलिए विशेष तौर पर आज हनुमान जयंती के दिन विधि विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करना बहुत शुभ और मंगलदायक माना जाता है. मान्यताओं…

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इतिहास के अछूते पन्नो से -“हमने गढ़ तो जीत लिया, लेकिन मेने मेरा सिंह खो दिया

तानाजीराव मालूसरे का जन्म 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के कोंकण प्रान्त में महाड के पास ‘उमरथे’ में हुआ था। वे बचपन से छत्रपति शिवाजी के साथी थे। ताना जी और शिवा जी एक-दूसरे को बहुत अछी तरह से जानते थे। तानाजीराव, शिवाजी के साथ हर लड़ाई में शामिल होते थे। ऐसे ही एक बार शिवाजी…

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ये कथा है देवी दुर्गा के संस्कृति की अनेक दुर्गाओं की, ये कथा है तैमूर लँगड़े की सेना की हमारे वीर वीरांगनाओं के हाथों अप्रत्याशित पराजय की

तैमूर लँगड़े को भारत से बाहर खदेड़ने वाली वीरांगना रामप्यारी गुर्जर की कहानी तैमूर लंग की 120000 की सेना देखते ही देखते ढेर हो गई और उसे जान बचाकर भागना पड़ा      हमारे वामपंथी इतिहासकार हमें बताते आए हैं कि कैसे तैमूर लंग और उसकी क्रूर सेना ने दिल्ली को क्षत विक्षत करते हुए…

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क्या अपने कभी सुना है ????किसी स्त्री का बलात्कार करने के उपरांत आरा मशीन से उसे दो भागों में चीर देने की किसी घटना के बारे में

किसी स्त्री का बलात्कार करने के उपरांत आरा मशीन से उसे दो भागों में चीर देने की किसी घटना के बारे में आपने सुना है ? और दो भाग भी ऐसे कि उसके गुप्तांग से आरी चलाते हुए दोनों वक्ष स्थलों को दो भाग में करते हुए माथे को दो भाग में चीर देना ….

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विक्रम सिंह”विक्रम की बेहतरीन कविता का आनन्द ले “अंत सभी का होता है”

अंत सभी का होता ही है, कंस रावण हिरण्यकश्यप। हरि विरोधी जो भी होगा, उनका होगा रामनाम सत्य।। यही जगत की सच्चाई है, मूर्ख नही समझ पाते। अति की भी सीमा होती है, रहते समय सकझ जाते।। आज भी जो घटित हो रहा, उसका अंत भी होना है। हो केरल बंगाल कही और, सबको एक…

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स्वयं में राम का प्राकट्य कैसे करें?

   राम जनमानस के जीवन-दर्शन हैं । परिवार , समाज , लोक , संसार सबमें एक अकेला जीव अपने को इकाई समझ , कैसे रहे कर्तव्य बोध कैसा हो ,फिर जीवन का मुख्य ध्येय कैसे सिद्ध हो , सबकुछ राम ने अपने आचरण में लाकर  प्रोत्साहना दिया है । इसीलिये उन्हे  मर्यादा -पुरुषोत्तम्  कहा गया…

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