परिवार में बढ़ रहे मतभेद और कलह कैसे दूर करें,बता रहे है ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांड विशेषज्ञ पं.वेद प्रकाश शुक्ल

शनिदेव यदि कुंडली के तृतीय, षष्ठ और एकादश भाव में आसीन हों, तो अपनी दशा में हानि नहीं, लाभ का कारक बनते हैं। ऐसे में, शनि से संबंधित कर्म अपार धन, संपत्ति व सफलता का कारक बनते हैं। तेल, चमड़े, लोहे, स्टील, मशीनरी, सर्विसिंग, कोयले, खनिज क्षेत्र में बड़ी सफ़लता देते हैं। इसे आजमाएं यदि…

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सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ कल, दिल्ली-जानें कब निकलेगा चांद,देखें सही समय …

    वैदिक पंचांग के मुताबिक हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ पर चतुर्थी तिथि 20 अक्तूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 21 अक्तूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी।…

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शिक्षा और सशक्तिकरण का महत्व………

    यह कहानी उन सभी बेटियों के लिए एक प्रेरणा है जो जिंदगी में किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना कर सकती हैं। बेटियों को अच्छी शिक्षा और परवरिश देना बेहद जरूरी है, ताकि अगर कभी उन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े, तो वे खुद वज़ीर बनकर अपने और अपने परिवार के…

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शारदीय नवरात्रि पर विशेषआश्विन माह की शारदीय नवरात्रि

       इस वर्ष मां आदिशक्ति भगवती दुर्गा की शारदीय  नवरात्रि   क्वार माह के  उजाले पक्ष प्रथम दिन के साथ 3 अक्टूबर  को पिंगल संवत्सर के साथ शुरू हो रही है तदनुसार विक्रम संवत 2081 शक संवत 1945 और कलि संवत 5126श्री कृष्ण संवत 5250  कलयुग  संवत  432000 द्वापर संवत 864000  त्रेता संवत 17…

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जो सुन रहे हम आज,ये छटपटाहट है।हमारे जगने से बेचैनी हैये उसीकी आहट है.. विक्रम सिंह “विक्रम”की बेहतरीन राष्ट्रवादी कविता का आन्नद ले

जो सुन रहे हम आज, ये छटपटाहट है। हमारे जगने से बेचैनी है ये उसीकी आहट है।। शुर में  मिलते न शुर, उसीकी बौखलाहट है। ये छटपटाहट है।। यकीन था सोते रहेंगें, जागे तो घबराहट है। ये छटपटाहट है।। सच्चाई समझ में आई, उसीकी कुलबुलाहट है। ये छटपटाहट है।। आंखें चौधिया रही अब, हमारी जगमगाहट…

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गृह वास्तु दोष,शरीर व्याधि निवारण एवं वातावरण में शुद्धि के लिए करें हवन.ब्रह्माण्ड में स्थित सकारात्मक ऊर्जाओं का बढ़ जाता है प्रवाह,

आदिकाल से ही सनातन संस्कृति में सुख-सौभाग्य के लिए हवन-यज्ञ की परंपरा रही है। औषधीय युक्त हवन सामग्री से हवन-यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होगा, वहीं वायरस का संक्रमण भी नष्ट हो जाएगा। अनेक वैज्ञानिकों एवं धर्मगुरुओं ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए एवं वातावरण की शुद्धि के लिए हवन यज्ञ का अद्भुत…

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पितृपक्ष एवं पितृ विसर्जन विशेष

    सनातन धर्म अद्भुत अलौकिक और ईश्वर द्वारा चलाया गया धर्म है जिसे अनेक महापुरुषों ने समय-समय पर गतिशील किया है इस समस्त संसार में जो मुस्लिम क्रिश्चियन और यहूदी नहीं है वह सभी सनातन धर्म में आ जाते हैं चाहे वह नास्तिक ही क्यों ना हो क्योंकि भारत में चार्वाक नाम के महान…

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जन्म दिन विशेष :ओए भगतां, ओए मेरे शेरा, धन्य है तेरी मां, जिसने तुझे जन्म दिया

भगतसिंह की बैरक की साफ-सफाई करने वाले का नाम बोघा था। भगत सिंह उसको बेबे (मां) कहकर बुलाते थे। जब कोई पूछता कि भगत सिंह ये बोघा तेरी बेबे कैसे हुआ? तब भगत सिंह कहते, मेरा मल-मूत्र या तो मेरी बेबे ने उठाया, या इस भले पुरूष बोघे ने। बोघे में मैं अपनी बेबे (मां)…

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ब्रह्म कपाली में  पिंडदान के बाद पिंडदान या श्राद्ध कर्म करने की आवश्यकता नहीं होती, जानिए क्यों

ब्रह्म कपाली में  पिंडदान के बाद पिंडदान या श्राद्ध कर्म करने की आवश्यकता नहीं होती, जानिए क्यों। ब्रह्म कपाली में पिंडदान कब किया जाए।      वैसे तो बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से लेकर बंद होने तक यहां पर पिंडदान का महत्व है। लेकिन, पितृपक्ष के दौरान यहां किए जाने वाले पिंडदान व तर्पण…

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श्राद्ध–पितर होने के लिए पुण्यो की पर्वत जैसी ऊंचाई चाहिए

श्राद्ध,,       एक मित्र कह रहे थे कि श्राद्ध में कौवे को खीर इसलिए खिलाई जाती है क्यूंकि यह उनका प्रजनन काल है,, वे पुष्ट हो सकें,,कोई प्रश्न उठाये कि कौवे को खीर क्यों खिलाते हैं तो उसमें इतना रक्षात्मक होने की क्या आन पड़ी है,, अरे खिलाते हैं, हमारी खीर हमारा कोवा…

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