शहर के मिशन रोड स्थित एक कॉलेज परिसर में आतिशबाजी के धमाके से मृत यश मिश्रा के आवास पर बुलाकर परिजनों ने मीडिया से बातचीत की। यश की दादी पदमा मिश्रा ने कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही हुई और कुछ दोषियों को बचाया जा रहा है। उन्हें न्याय तभी मिलेगा जब सभी दोषियों के घर पर बुलडोजर चलेगा। कहा कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सभी दोषियों को बराबर सजा दिलाने की मांग करेंगी। चाचा आकाश मिश्रा ने कहा कि इन दोषियों के घर परिवार में ऐसी घटना होती तो तत्काल न्याय मिल जाता। आरोप लगाया कि धमाके के बाद बच्चों को लोडर से अस्पताल पहुंचाया गया एंबुलेंस तक नहीं मिली। पिता विश्वबंधु मिश्रा ने कहा कि प्रतिबंधित स्थल पर ऐसे विस्फोट वाले खतरनाक पटाखे कैसे रखे गए। यह घटना चार घंटे बाद होती तो सैकडों लोग प्रभावित होते। उन्होंने कुछ जनप्रतिनिधियों की मंशा पर भी सवाल उठाये।
पारस शर्मा के पिता कंसराज शर्मा ने कहा कि उनके बच्चों की पहचान के लिए अस्पताल में घुसने नहीं दिया। जमीन पर लिटाकर इलाज किया गया। सही सूचना परिजनों को नहीं दी गई। उन्होंने एफआईआर पर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस मौके पर यश की मां ऋचा शर्मा भी मौजूद रहीं।
जबरन प्रयागराज में कराया अंतिम संस्कार
चित्रकूट। आतिशबाजी स्थल पर धमाके में दो घायल बच्चे यश व पारस को इलाज के लिए प्रयागराज भेजा गया था। दोनों के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी मौत के बाद वहां मौजूद पुलिस व अधिकारियों ने बच्चों का अंतिम संस्कार प्रयागराज में कराने का बहुत ज्यादा दबाव बनाया। ऐसे में यश का अंतिम संस्कार वहीं कराना पड़ा लेकिन पारस के पिता नहीं माने तो उन्हें प्राइवेट एंबुलेंस से शव कर्वी लाना पड़ा फिर पुलिस ने तत्काल अंतिम संस्कार करा दिया। एंबुलेंस का किराया भी उन्होंने की दिया। सरकारी एंबुलेंस नहीं दिलाई गई।