हाईकोर्ट का बड़ा एक्शन: IAS रश्मि अरुण शमी सहित इस अधिकारी के खिलाफ वारंट जारी, शिक्षक भर्ती से जुड़ा है मामला

माध्यमिक यानी वर्ग 2 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति के एक आदेश पर कोर्ट की अवमानना की याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ में सुनवाई हो रही है।

मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती ही ऐसी भर्ती है जो सबसे ज्यादा विवादों में रहती है। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह खुद इस बात को स्वीकार चुके हैं कि सरकारी विभागों के खिलाफ हाईकोर्ट में जितनी भी केस लगे हैं, उनमें से अधिकांश शिक्षा विभाग से ही जुड़े हैं।

ऐसे ही एक शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में स्कूल शिक्षा विभाग की तत्कालीन प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी सहित एक अन्य अधिकारी के खिलाफ हाईकोर्ट की ओर से बेलेबल वारंट जारी किया गया है।

कोर्ट की अवमानना के प्रकरण में कार्रवाई

मामला हाईकोर्ट के एक आदेश की अवमानना से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में करीब एक साल से कंटेम्प्ट आफ कोर्ट मामले में सुनवाई चल रही है।

लेकिन रिस्पोंडेंट होने के बाद भी तत्कालीन प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग रश्मि अरुण शमी और तत्कालीन ट्राइबल वेलफेयर के कमिश्नर संजीव सिंह न तो खुद कभी कोर्ट में उपस्थित हुए और न ही इनकी ओर से कभी कोई वकील ने पैरवी की।

जिसके बाद हाईकोर्ट इंदौर की न्यायमूर्ति दुप्पला वेंकट रमण की सिंगल बेंच ने दोनो अधिकारी को लेकर 5000 रुपये का बेलेबल वारंट जारी कर दिया।

अब पहले मामला जान लीजिए

माध्यमिक यानी वर्ग 2 शिक्षक भर्ती 2018 से ये पूरा मामला जुड़ा हुआ है। इस भर्ती में बुरहानपुर की माधुरी प्रजापति का भी सलेक्शन हुआ। विभाग ने डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन और च्वाइस फीलिंग के बाद माधुरी प्रजापति को ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया।

इसके बाद विभाग ने ज्वाइनिंग से पहले इन्हें डिपार्टमेंट बुलाया और योग्यता में कहीं कोई कमी बताकर ज्वाइनिंग निरस्त करने का आदेश निकाल दिया। विभाग के इस मनमाने रवैये के खिलाफ माधुरी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

माधुरी के पक्ष में बेंच ने सुनाया फैसला

मामला ट्राइबल विभाग के स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। करीब डेढ़ से दो साल की लंबी लड़ाई के बाद हाईकोर्ट ने माधुरी प्रजापति के पक्ष में फैसला सुनाया।

जिसमें कोर्ट ने विभाग को आदेशित किया कि माधुरी प्रजापति को तत्काल नियुक्ति दी जाए और सारे लाभ पहले दी गई ज्वाइनिंग डेट से ही केलकुलेट किये जाए।

ज्वाइनिंग डेट से नहीं दिये लाभ

हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अक्टूबर 2023 को ट्राइबल विभाग ने माधुरी प्रजापति को स्कूल में ज्वाइनिंग तो दे दी, लेकिन महंगाई भत्ते जैसे तमाम लाभों का केलकुलेशन पहली ज्वाइनिंग डेट से न कर 13 अक्टूबर 2023 से की। माधुरी ने इसी मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कोर्ट की अवमानना का केस लगा दिया।

8 लाख से अधिक की है रिकवरी

मध्य प्रदेश में नवनियुक्त कर्मचारियों के लिये सैलरी में 70, 80 और 90% का फार्मूला लागू है। यदि माधुरी की पहले ज्वाइनिंग डेट से ही नियुक्ति के सारे लाभ दिये जाते हैं तो वेतन का ही उन्हें 8 से 9 लाख रुपये मिलना है।

साथ ही उनकी परीविक्षा अवधि भी पूर्ण हो जाएगी। विभाग इसे ही देने में आनाकानी कर रहा है। माधुरी हाईकोर्ट इंदौर में इसी केस को पिछले एक साल से लड़ रही हैं।

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19 नवंबर से पहले होना होगा उपस्थित

याचिकाकर्ता माधुरी प्रजापति के अधिवक्ता मनोज अग्रवाल ने बताया कि चार में से दो अधिकारी तो मामले में अपीयर हो गए हैं, लेकिन तत्कालीन प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग रश्मि अरुण शमी और तत्कालीन ट्राइबल वेलफेयर के कमिश्नर संजीव सिंह अब तक उपस्थित नहीं हुए।

जिसके कारण हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने बेलेबल वारंट जारी कर 19 नवंबर 2024 से पहले दोनो अधिकारियों को उपस्थित होने के आदेश जारी किये हैं। बता दें कि वर्तमान में रश्मि अरुण शमी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में प्रमुख सचिव और संजीव सिंह पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (EPCO) के कार्यपालक संचालक के पद पर पदस्थ हैं।