रामपुर: समाजवादी पार्टी के कददावर नेता आजम खां की एक समय तूती बोलती थी। उसका कद और रूतबा इतना बुलंद था, जिसके आगे तत्कालीन मुख्यमंत्री का हौसला भी दम तोड़ देता था। यही वजह है उस वक्त जब आजम खां के खिलाफ कोई भी शिकायत लेकर गया, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साफ कह दिया कि रामपुर के संबंध में निर्णय आजम खां ही करेंगे। किन्तु, एक आकांक्षा इतनी महंगी पड़ी कि 45 साल का राजनीतिक सफर मटियामेट हो गया।
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को पूरा करने के लिए उन्होंने कवायद मुलायम सिंह यादव की सरकार से ही कर दी थी। तब मुलायम सिंह यादव पूरी सरकार के साथ रामपुर आए थे और विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था। यह वाक्या 18 सितंबर 2005 का है।
उद्घाटन के लिए आए थे अखिलेश
इसके बाद बसपा की सरकार आई, तो आजम खां के सपने को झटका लगा और यूनिवर्सिटी के बनने का काम अधर में लटक गया। इसे दोबारा यूपी में सपा सरकार वापस आने के बाद पूरा किया गया। विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए भी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव साथ रामपुर आए थे।