ग्रामोदय विश्वविद्यालय की प्रार्थना सभा एक अभिनव परिकल्पना

ग्रामोदय की प्रतिभाएं हुई सम्मानित

चित्रकूट, । महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न प्रार्थना सभा मंच से शुक्रवार को खेल, ललित कला, बौद्धिक, सांस्कृतिक विधाओ की श्रेष्ठ प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में जे आर दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर पांडेय और विशिष्ट अतिथि कालिदास अकादमी उज्जैन के निदेशक डॉ गोविंद दत्तात्रेय रहें।

अध्यक्षता ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने की। संकायों के प्रमुख के रूप में अधिष्ठाता गण प्रो आई पी त्रिपाठी, प्रो नंद लाल मिश्रा, प्रो अमर जीत सिंह, प्रो डी पी राय, डॉ आञ्जनेय पांडेय मौजूद रहे। सभी ने ग्रामोदय महोत्सव में संपन्न बौद्धिक, ललित कला, सांस्कृतिक खेल आदि प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कालिदास अकादमी उज्जैन के निदेशक डॉ गोविंद दत्तात्रेय गंधे ने प्रार्थना सभा गतिविधि की सराहना करते हुए कहा कि ग्रामोदय के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा एक अभिनव परिकल्पना है। प्रार्थना सभा के माध्यम से व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।

ग्रामोदय विश्वविद्यालय अध्ययन अध्यापन के साथ व्यक्ति निर्माण के काम में सतत संलग्न है। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रार्थना ऐसी शक्ति, तरंगों का सृजन कर सकती है, जिससे लोगों में सामुदायिक भावना उत्पन्न हो सकें। ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस प्रार्थना सभा में छात्र छात्राओं और आचार्यों के बीच मुझे आज यह देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ। जे आर दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर पांडेय ने प्रार्थना सभा के महत्व और उपयोगिता पर आधारित अपने विचार व्यक्त किये। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने बताया कि प्रार्थना सभा गतिविधि मूल्य एवम सामाजिक उत्तरदायित्व पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा है, इसके माध्यम से विद्यार्थियो की प्रतिभाओं को उचित मंच भी प्राप्त होता है।

प्रार्थना सभा का प्रारंभ ॐ के सामूहिक उच्चारण, सरस्वती वंदना, कुलगीत गायन के साथ हुआ। श्री मद भागवत गीता के श्लोक वाचन, समूह गान, मासिक प्रतिवेदन, एकल गीत, सामूहिक भजन, पुरस्कार वितरण, आवश्यक सूचना का प्रसारण आदि गतिविधियां संपन्न हुई। कार्यकम का संचालन डॉ आर के पांडेय ने किया।