अल्जाइमर एक प्रकार की डिमेंशिया है जिसमें व्यक्ति की सोचने, समझने, याद रखने और निर्णय लेने की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है। यह बीमारी अधिकतर उम्र बढ़ने पर होती है,
अल्जाइमर के उपचार
1) केसर – केसर में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। …
2) हल्दी – हल्दी का सेवन करने से दिमाग के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। …
3) अश्वगंधा – अश्वगंधा ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में बहुत मदद करती है। …
4) दालचीनी – दालचीनी हर घर में पाया जाने वाला मसाला है।
लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य कारणों से कम उम्र में भी हो सकती है। इस लेख में हम अल्जाइमर के लक्षण, इसके संभावित कारणों और अल्जाइमर के घरेलू उपायों के बारे में जानकारी देंगे।
अल्जाइमर के लक्षण
अल्जाइमर के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
निर्णय लेने में कठिनाई
व्यवहार में बदलाव
उलझन या भ्रम की स्थिति
समय और स्थान का सही अंदाजा न लग पाना
याददाश्त का कमजोर होना
अल्जाइमर के संभावित कारण
अल्जाइमर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
अस्वस्थ जीवनशैली
शारीरिक गतिविधि की कमी
बढ़ती उम्र
अनुवांशिक (जेनेटिक) कारण
अल्जाइमर के घरेलू उपाय
हालांकि अल्जाइमर का पूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं है, कुछ घरेलू उपायों से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है:
पूरी नींद लें
प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेना दिमाग के लिए आवश्यक है। अच्छी नींद से मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिससे वह नए दिन के लिए तरोताजा और तैयार महसूस करता है।
योग और ध्यान करें
योग और ध्यान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। यह मानसिक तनाव को कम करता है और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है। विशेष रूप से ध्यान की तकनीकें अल्जाइमर के रोगियों को शांति और संतुलन देने में सहायक होती हैं।
उचित आहार लें
संतुलित आहार लेना मस्तिष्क की सेहत के लिए लाभदायक होता है। विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं।
हर्बल चाय पिएं
ग्रीन टी या हर्बल टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो मस्तिष्क के लिए लाभकारी माने जाते हैं। रोज़ाना ग्रीन टी या अन्य हर्बल टी पीने से अल्जाइमर के लक्षणों में कमी आ सकती है। हालांकि, अगर किसी भी प्रकार की चाय से असुविधा हो, तो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
हमेशा सक्रिय रहें
शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से सक्रिय रहना भी महत्वपूर्ण है। मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखने के लिए शतरंज, सुडोकु जैसे दिमागी खेल खेलें, साथ ही नियमित रूप से पढ़ने और लिखने की आदत डालें