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योगी सरकार का UP के 3.54 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं बड़ा तोहफा, बिजली बिल हो गया इतना कम

आने वाले समय में पेट्रोल डीजल की तरह हर महीने दरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को मई के महीने में बिल में दो फीसदी की राहत मिलेगी। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने ईंधन अधिभार शुल्क के तौर पर यह राहत देने का एलान किया है। प्रदेश के 3.54 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा।

उपभोक्ताओं को यह राहत मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के तहत दी जा रही हैजिसे यूपी विद्युत नियामक आयोग ने पारित किया था। रेग्युलेशन के तहत बिजली कंपनियों को प्रत्येक माह स्वतः फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज तय करने का अधिकार दिया गया था। इसके तहत प्रदेश में पहली बार बिजली बिल कम होने का आदेश आया है।

उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने अपना आदेश जारी कर दिया है आदेश के मुताबिक फरवरी महीने में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का ईंधन अधिकार शुल्क के रूप में लगभग 170 करोड़ का लाभ होगा जिसकी अदायगी पावर कॉरपोरेशन मई 2025 के महीने में उपभोक्ताओं को करेगा यानी मई 2025 में पहली बार काफी लंबे समय के बाद प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी देखने को मिलेगी

उन्होंने बताया कि वर्तमान में अप्रैल महीने में कारपोरेशन ने ईंधन अधिभार के रूप में 1.24 फीसदी की बढ़ोतरी गुपचुप तरीके से कर दी थी लेकिन विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पहले ही पेश बंदी करते हुए उस पर रोक लगाने के लिए विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया है और विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे सर प्लस 33122 करोड़ के एवज में बढ़ोतरी पर पूर्णतया रोक लगने की मांग उठाई है।

मई में 2% बिजली दरो में कमी लागू करने के लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर बिग को आदेश जारी

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पावर कारपोरेशन ने मई के महीने में 2% बिजली दरो में कमी लागू करने के लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर बिग को आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद हर महीने बहुत ही बारीकी से मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के तहत ईंधन अधिभार शुल्क की गणना स्वत करेगा। आने वाले समय में पेट्रोल डीजल की तरह हर महीने दरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी रुपया 170 करोड़ के हिसाब से मई महीने में 2 फीसदी  से ज्यादा कमी होनी चाहिए