भयानकतम देशद्रोही राहुल गांधी ने स्वयं कहा है कि उनकी लड़ाई “इंडियन स्टेट” से है, ऐसे में यह तो स्पष्ट है कि राहुल गांधी तमाम भारतीयों की तरह “डीप स्टेट” के खिलाफ नहीं लड़ रहे बल्कि उसकी तरफ़ से ही लड़ रहे हैं।
राहुल गांधी ने बुधवार 15 जनवरी 2025 को अपने एक बयान में कहा है उनकी लड़ाई केवल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ही नहीं बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ ( INDIAN STATE ) से है, अर्थात राहुल गांधी कह रहा हैं कि वो पूरी भारतीय राज्य व्यवस्था ( INDIAN STATE SYSTEM ) से लड़ना चाहता हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंचों की बात हो या भारत के भीतर बैठे शत्रुओं की, वो भयानक गुंडा बदमाश सभी भी भारत के विरुद्ध अपनी इस लड़ाई को ‘इंडियन स्टेट‘ के खिलाफ की लड़ाई बताता हैं, ऐसे में राहुल गांधी का यह बयान ना सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि गांधी परिवार की उस रणनीति को भी उजागर करता है जिसके तहत बीते कुछ दशकों से वो भारत विरोधी भयानक लुच्चे लफंगे समूहों के साथ जुड़ा नजर आ रहा है।
‘डीप स्टेट’ ( DERP STATE ) नाम का एक भयानक खतरा भारतीय लोकतंत्र के सामने निश्चित रूप से खड़ा है। डीप स्टेट भारत को अस्थिर करने, यहां की लोकतांत्रिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने एवं भारत की आर्थिक स्थिति और मजबूती को तोड़ने में लगा हुआ है।
इस डीप स्टेट के कई मोहरे हैं, जो अनेक माध्यमों से भारत में अपनी भयानक और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इन सभी मोहरों का एक ही निशाना है ‘इंडियन स्टेट’ और इसी इंडियन स्टेट से अब राहुल गांधी नामक अंदरुनी और भयानक राक्षस भी लड़ने की बात कर रहा हैं।
“डीप स्टेट भी भयंकर तरीके से’ इंडियन स्टेट’ से ही लड़ रहा है, ( DEEP STATE IS ALSO FIGHTING FIERCELY WITH INDIAN STATE ) या हम कहें कि डीप स्टेट लगा हुआ है कि ‘इंडियन स्टेट’ कमजोर होता जाए, तो क्या ऐसी परिस्थिति में भारत के नेता प्रतिपक्ष का यह कहना कि उसकी लड़ाई ‘इंडियन स्टेट’ से है, उचित है ?”
खैर यह पहला मौका नहीं है जब भयानक देशद्रोही गांधी परिवार ने उन्हीं बातों को दोहराया हो, जो डीप स्टेट चाहता है। इससे पहले डीप स्टेट के कई मोहरे ऐसे हैं, जिन्होंने भारत की एकता एवं अखंडता पर सवाल उठाने का काम और साहस किया था। डीप स्टेट के मोहरे के रूप में कुख्यात अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस ने भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 में किए गए संशोधन के विरुद्ध भयानक बयान दिया था।
दिलचस्प बात यह है कि गांधी परिवार की मुखिया सोनिया गांधी भी एक ऐसी भारत विरोधी संस्था की सह-अध्यक्ष है जो कश्मीर को भारत से अलग करने की बात करती है, और इस संस्था की फंडिंग जॉर्ज सोरोस द्वारा ही की जाती है। संस्था का नाम है “फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक”( FORUM OF DEMOCTRATIC LEADERS IN ASIA PACIFIC )
दरअसल यह एकमात्र ऐसा मौका नहीं है जब गांधी परिवार और डीप स्टेट के बीच के तार सामने आए हैं, इसके अलावा कई ऐसे मौके देखें गए हैं जब डीप स्टेट ने गांधी परिवार के साथ मिलकर ही ‘इंडियन स्टेट’ के खिलाफ जंग छेड़ी है।
‘ऑर्गेनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग’ (OCCRP) की रिपोर्ट का हवाला देकर राहुल गांधी ने पहले पेगासस और फिर बाद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा मचाया, हालांकि बाद में दोनों आरोप केवल हवा-हवाई निकले। लेकिन इन आरोपों का असर भारत के निवेशकों एवं शेयर बाजार में देखने को मिला, जिसके चलते करोड़ों का नुकसान हुआ।
इसमें भी देखने वाली बात यह रही कि OCCRP को जॉर्ज सोरोस की संस्था द्वारा वित्तपोषित किया जाता है, जिसके तार सीधे डीप स्टेट से जुड़े हुए हैं। फ्रांसीसी पब्लिकेशन ने खुलासा करते हुए बताया था कि OCCRP को अमेरिका से फंडिंग मिलती है, साथ ही यह उन देशों पर रिपोर्ट प्रकाशित करता है जो सामान्यतः अमेरिकी सरकार ( डीप स्टेट मान सकते हैं ) के विरोध में होते हैं।
गांधी परिवार के करीबियों एवं उनके सलाहकारों की गतिविधियों को देखें तो भी यह दिखाई देता है कि कैसे ‘डीप स्टेट‘ बनाम ‘इंडियन स्टेट’ की इस लड़ाई में भयानक देशद्रोही गांधी परिवार ‘डीप स्टेट’ के मोहरों के साथ खड़ा हुआ है।
राहुल गांधी के सलाहकार के रूप में जाने जाने वाले विजय महाजन सीधे तौर पर जॉर्ज सोरोस से जुड़े हुए हैं। गांधी परिवार के संदिग्ध एनजीओ ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ के सीईओ के रूप में पदस्थ विजय महाजन निजी कंपनी BASIX के फाउंडर हैं, जिसमें Acumen Fund एक पार्टनर और निवेशक है।
इसमें भी दिलचस्प बात यह है कि इसी Acumen Funds में जॉर्ज सोरोस की बेटी एंड्रिया सोरोस सह-संस्थापक एवं निवेशक है। वह सोरोस की भारत विरोधी षड्यंत्रकारी संस्था ओपन सोसायटी फाउंडेशन की बोर्ड सदस्य भी है। विजय महाजन के दिमाग की उपज ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भी ‘डीप स्टेट‘ के ‘फुटप्रिंट्स‘ दिखाई देते हैं।
दरअसल ‘डीप स्टेट’ ने बांग्लादेश में भी ‘स्टेट’ के विरुद्ध युद्ध छेड़ा था, जिसमें उनका उद्देश्य लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंकने का था, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली।
छात्र आंदोलन एवं आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में ‘डीप स्टेट’ ने बांग्लादेश में तख्तापलट कर अपने ही एक ‘पिट्ठू’ मोहम्मद यूनुस को मुखिया बनाया हुआ है, जिसके तार डीप स्टेट के मोहरे ‘फ़ोर्ड फाउंडेशन’ से जुड़े हुए है। राहुल गांधी भी भारत का मोहम्मद यूनुस बनना चाहता हैं, यही कारण है कि उसने डीप स्टेट के हर उस विषय को मुखरता से उठाया है, जो भारत की एकता, अखंडता या लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट पंहुचाता है।
हालांकि अब राहुल गांधी ने स्वयं कहा है कि उसकी लड़ाई इंडियन स्टेट से है, ऐसे में यह तो स्पष्ट है कि राहुल गांधी ‘डीप स्टेट‘ के खिलाफ नहीं लड़ रहा बल्कि उसकी तरफ़ से ही लड़ रहा हैं।