सोनभद्र जिले के मुख्यालय राबर्ट्सगंज में नया पर्टन भवन बनाया जाएगा जबकि चित्रकूट जिले के मइफा किले को पर्यटकों के लिए संवारा जाएगा।
प्राकृतिक और ऐतिहासिक संपदा से समृद्ध उत्तर प्रदेश के जिलों सोनभद्र व चित्रकूट में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
सोनभद्र जिले के मुख्यालय राबर्ट्सगंज में नया पर्टन भवन बनाया जाएगा जबकि चित्रकूट जिले के मइफा किले को पर्यटकों के लिए संवारा जाएगा। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमाएं लगती हैं और यहां सोन घाटी में प्रागैतिहास गुफा चित्रों के साथ ही कई वाटरफॉल आदि हैं। हाल ही में सोनभद्र में करोड़ों साल पुराने जीवाश्मों को सहेजे सलखन पार्क को धरोहर में शामिल करने के लिए विशेषज्ञों के एक दल ने भ्रमण किया है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तमाम प्रकार की परियोजनाओं को गति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश में पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं को लेकर एक विस्तृत कार्ययोजना बनी थी। इसी कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए योगी सरकार ने सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज में नए जिला पर्यटन भवन की इमारत के निर्माण तथा चित्रकूट के मड़फा फोर्ट को इको-टूरिज्म हब के तौर पर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस क्रम में उत्तर प्रदेश कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को जिम्मा सौंपा गया है जिसने शॉर्ट नोटिस के माध्यम से दोनों ही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया के जरिए एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के कार्यों को पूरा किया जाएगा। मानसून के अतिरिक्त रॉबर्ट्सगंज में नए पर्यटन भवन के निर्माण कार्य को 2.54 करोड़ रुपए की लागत से 18 महीनों में जबकि चित्रकूट के मड़फा किले में होने वाले विकास कार्यों को 76 लाख रुपए की लागत से 6 महीने की समय अवधि के अंदर पूरा किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि इन दोनों ही कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारण प्रक्रिया में विशेष तौर पर विदेशों में कार्यों को पूरा करने का अुभव रखने वाली एजेंसियों को वरीयता दी जाएगी। परियोजना के अंतर्गत कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसियों को सभी निर्माण व विकास कार्यों को निर्धारित समयावधि के अंतर्गत उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करना होगा।
नए पर्यटन भवन को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा और उसे भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकसित किया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर मड़फा फोर्ट को इको-टूरिज्म के हब के तौर पर विकसित करने के लिए तमाम पर्यटन विकास की प्रक्रिया पूरी की जाएंगी। इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसी को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनानी होगी जिस पर मंजूरी मिलने के बाद सभी निर्माण व विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा।