बांग्लादेश में हालात खराब हैं. मुल्क में अशांति है. जनता आरक्षण के खिलाफ सड़क पर है. शेख हसीना देश छोड़कर भाग चुकी हैं. वह भारत में हैं. गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में वह रुकी हैं. सवाल उठता है कि आरक्षण पर जब कोर्ट ने फैसला दिया था तो लोगों के निशाने पर शेख हसीना क्यों रही हैं.
भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश संकट में है. वहां गृह युद्ध छिड़ा हुआ है. प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ चुकी हैं. 2009 से सत्ता पर काबिज रहीं शेख हसीना भारत में हैं. वह गाजियाबाद के हिंडर एयरबेस में रुकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना भारत से लंदन के लिए उड़ान भरेंगी. हसीना देश छोड़कर भागी हैं तो उसकी वजह जनता का गुस्सा है. बांग्लादेश में बीते दो महीने से जनता आरक्षण के खिलाफ सड़क पर है. उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा था और सोमवार को प्रदर्शनकारियों के गुस्से का ये असर हुआ कि शेख हसीना को अपने मुल्क से विदा होना पड़ा.
क्यों हो रहा प्रदर्शन?
दरअसल, बांग्लादेश की एक अदालत ने स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाले 30 फीसदी आरक्षण को फिर से लागू करने पर फैसला दिया था. छात्रों का कहना है कि हम 56 फीसदी आरक्षण को नहीं स्वीकार करेंगे. 26 फीसदी आरक्षण हमें मंजूर है. उनका कहना है कि स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाला 30 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जाए.
उनका तर्क है कि बांग्लादेश की आजादी के लिए जो लोग लड़े थे वो अब बुजुर्ग हो चुके हैं. उनके जो बच्चे हैं वो भी 40-50 साल के हो चुके हैं. ऐसे में अब उनके पोते और परपोते को आरक्षण देने की क्या वजह है. छात्रों का कहना है कि सभी के लिए बराबर मौके होने चाहिए. मेरिट सिस्टम आना चाहिए.
फैसला कोर्ट का फिर टारगेट पर शेख हसीना क्यों?
अब सवाल उठता है कि जब आरक्षण पर कोर्ट का फैसला था तो टारगेट पर शेख हसीना क्यों हैं. इसे समझने के लिए हमें कुछ महीने पीछे चलना पड़ेगा. इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश में चुनाव हुए थे. चुनाव के नतीजे आए. शेख हसीना चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं. यहां पर जैसे ही चुनाव संपन्न हुए अमेरिका की तरफ से बयान आने शुरू हो गए.
अमेरिका ने चुनाव पर सवाल उठा दिए. उसकी ओर से कहा गया है कि बांग्लादेश में हुए चुनाव में धांधली हुई है. अमेरिका के इस बयान के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक पार्टियां और जनता ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. लेकिन ये प्रदर्शन बड़े स्तर पर नहीं था.
इस बीच शेख हसीना ने संकेत दिया कि एक बड़े पश्चिमी देश ने उनपर दबाव डाला कि बांग्लादेश में एक मिलिट्री बेस हमको दे दो, अगर नहीं दोगे तो बांग्लादेश और म्यांमार का हिस्सा तोड़कर एक नया देश बना दिया जाएगा. शेख हसीना ने ये संकेत देकर बड़ा जोखिम उठाया था.
आपको याद होगा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अमेरिका पर खूब आरोप लगाए थे. इमरान खान के साथ जो हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा. सवाल उठता है कि क्या शेख हसीना के साथ भी वही हो रहा है, क्योंकि शेख हसीना ने जब ये बयान दिया था तब बांग्लादेश की मीडिया में भी बहुत कुछ लिखा गया था. कुछ दिनों तक ये मुद्दा खबरों में रहा. लेकिन फिर अचानक से आरक्षण के खिलाफ देशभर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन होने से शुरू हो गए.
उत्तर प्रदेश जागरण डॉट कॉम(upjagran.com A Largest Web News Poertal Of Incredible BHARAT) की विशेष संवाददाता एवं विदेश मामलों के एक्सपर्ट मंजुलता शुक्ला ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी.
मंजुलता शुक्ला ने कहा, “आमतौर पर साउथ एशिया शांत रहता है, लेकिन बांग्लादेश में जो घटित हुआ, वो इसके विपरीत है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जिस तरीके से देश छोड़ा और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की जो तस्वीरें सामने आईं, वो परेशान करने वाली हैं. कहा जा रहा है कि यह छात्रों का प्रदर्शन है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें एक सोची-समझी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं.”
भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध को लेकर मंजुलता शुक्ला ने कहा, “बांग्लादेश 15 सालों से आर्थिक विकास के रास्ते पर था. इस पड़ोसी मुल्क के साथ हमारे अच्छे संबंध थे. हाल में दोनों देशों के बीच कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट की बात हो रही थी. बांग्लादेश इस बात को लेकर उत्सुक था कि हम लोग फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बात करें. दोनों देशों के बीच ट्रेड प्रोसेस आगे बढ़ रहा था. निवेश को लेकर बात चल रही थी.”
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश हमारा एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है और उसके सृजन में हमारी बहुत बड़ी भूमिका रही है, लेकिन पाकिस्तान और चीन जैसे देश चाहते हैं कि भारत के साथ बांग्लादेश के अच्छे संबंध नहीं रहें. शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश के साथ पिछले 15 साल से भारत के रिश्ते बहुत अच्छे रहे. इसके कारण बांग्लादेश से सटे पांच राज्यों की सीमा को लेकर हम आश्वस्त थे और अवैध घुसपैठ जैसी समस्याओं पर सकारात्मक बातचीत हो रही थी.
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश की घटना भारत की सुरक्षा के मुद्दे से ये बहुत महत्वपूर्ण घटना है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि साउथ एशिया में बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. बांग्लादेश के लिए भी भारत दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.”
बांग्लादेश में जिस तरह से प्रदर्शन बढ़ता गया है कि उसके बाद सवाल उठने शुरू हो गए कि क्या ये बस एक प्रदर्शन है या किसी बड़े देश ने बड़ा गेम खेल दिया है, क्योंकि आप पाकिस्तान और अमेरिका के नजरिए से देखेंगे तो पाएंगे कि दोनों देश शेख मुजीबुर रहमान को पसंद नहीं करते हैं.
रहमान शेख हसीना के पिता हैं और बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करने में उनका अहम रोल था. अमेरिका और पाकिस्तान ने उनको कभी सम्मान नहीं दिया. सोमवार के प्रदर्शन में उनकी प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया. आखिर उनकी प्रतिमा का आरक्षण से क्या लेना देना है.